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Delhi Zoo NZP : देश की बेशकीमती संपत्ति को सीधे निजी हाथों में सौंपना शर्मनाक और खतरनाक, कांग्रेस ने सरकार से पूछा सवाल..

Kshama Singh
Kshama Singh
Delhi Zoo NZP : देश की बेशकीमती संपत्ति को सीधे निजी हाथों में सौंपना शर्मनाक और खतरनाक, कांग्रेस ने सरकार से पूछा सवाल..

भारत में केंद्र सरकार द्वारा संचालित एकमात्र चिड़ियाघर है NZP

दिल्ली का राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (NZP) अगले सप्ताह रिलायंस के ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर (GZRRC) के साथ ज्ञान-साझाकरण साझेदारी के तहत एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की तैयारी कर रहा है। GZRRC गुजरात के जामनगर में रिलायंस के वंतारा पशु पुनर्वास केंद्र का भी संचालन करता है। NZP भारत में केंद्र सरकार द्वारा संचालित एकमात्र चिड़ियाघर है।

समझौता प्रशिक्षण, पशु चिकित्सा और आदान-प्रदान पर केंद्रित है

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से द प्रिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली NZP, GZRRC और गुजरात सरकार के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

NZP

मुख्य प्रावधानों में शामिल हैं:-

  • दिल्ली चिड़ियाघर के कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण और कार्यशालाएँ
  • दिल्ली चिड़ियाघर और GZRRC के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान
  • GZRRC से पशु चिकित्सा सहायता, विशेष रूप से बड़े जानवरों के लिए
  • दिल्ली चिड़ियाघर के आधुनिकीकरण के लिए सहायता

राजनीति शुरू हुई

कांग्रेस ने बुधवार को कुछ खबरों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि क्या दिल्ली चिड़ियाघर और ‘वनतारा’ के बीच प्रस्तावित समझौता चिड़ियाघर को एक निजी समूह को ‘‘सौंपने’’ की दिशा में पहला कदम है? कांग्रेस महासचिव और पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि गुपचुप तरीके से किया गया ऐसा समझौता कई सवाल खड़े करता है और इसमें पारदर्शिता की जरूरत है।

गुपचुप तरीके से किया गया NZP पर समझौता

उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘दिल्ली चिड़ियाघर केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सीधे नियंत्रण में है। यह बेहतर प्रबंधन के लिए एकमात्र वनतारा और गुजरात सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने की योजना बना रहा है। वनतारा गुजरात के जामनगर में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और रिलायंस फाउंडेशन द्वारा स्थापित एक पशु पुनर्वास केंद्र है। रमेश ने कहा कि हालांकि सरकार ने दावा किया है कि यह प्रबंधन का हस्तांतरण नहीं था, लेकिन उसका पिछला रिकॉर्ड विश्वास करने योग्य नहीं है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या यह चिड़ियाघर को निजी उद्यमी समूह को सौंपने की दिशा में पहला कदम है?’’ उन्होंने कहा कि ‘‘इतने गुपचुप तरीके से किया गया ऐसा समझौता कई सवाल खड़े करता है, जिन्हें पारदर्शी तरीके से स्पष्ट करने की जरूरत है।

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