తెలుగు | Epaper

Pradosh Vrat 2025: सावन का आखिरी प्रदोष व्रत

Surekha Bhosle
Surekha Bhosle
Pradosh Vrat 2025: सावन का आखिरी प्रदोष व्रत

भोलेनाथ की कृपा पाने का शुभ अवसर

Pradosh Vrat 2025: सावन के पवित्र महीने (Sawan month) का आखिरी प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) 2025 में विशेष महत्व रखता है। यह दिन शिव भक्ति, साधना और पुण्य प्राप्ति के लिए अत्यंत फलदायक माना जाता है

व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त

  • तिथि: सावन मास, कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी
  • दिन: (उदाहरण के लिए सोमवार)
  • प्रदोष काल: संध्या के समय, सूर्यास्त के पश्चात लगभग 1.5 घंटे का समय

Pradosh Vrat 2025: सावन का आखिरी 6 अगस्त को रखा जाएगा. प्रदोष व्रत के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि अनजाने में की गई गलतियां आपके व्रत को भंग कर सकती हैं. ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि प्रदोष व्रत के दौरान आपको कौन से काम नहीं करने चाहिए.

Pradosh Vrat 2025: सावन का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित होता है. जिस तरह सावन के सोमवार का विशेष महत्व होता है, ठीक उसी तरह सावन में पड़ने वाले प्रदोष व्रत का महत्व और अधिक हो जाता है. श्रावण मास समाप्ति की ओर बढ़ रहा है और इसका आखिरी प्रदोष व्रत 6 अगस्त को रखा जाएगा. हर माह की त्रयोदशी तिथि पर रखे जाने वाले इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की जाती है. प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है.

धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं. हालांकि, इस व्रत के दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. कहते हैं कि अनजाने में की गई गलतियों की वजह से प्रदोष व्रत का फल भंग हो सकता है.

सावन के आखिरी प्रदोष व्रत पर क्या नहीं करना चाहिए?

1.सावन प्रदोष व्रत के दौरान लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा आदि तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से न सिर्फ व्रत की पवित्रता भंग होती है, बल्कि भगवान शिव भी अप्रसन्न हो सकते हैं. प्रदोष व्रत के दौरान सिर्फ सात्विक का ही सेवन करें.

2. अगर आप प्रदोष व्रत रख रहे हैं, तो सेंधा नमक का ही इस्तेमाल करें. व्रत के दौरान साधारण नमक का सेवन करने से व्रत भंग हो सकता है. सावन प्रदोष व्रत की पूजा करते समय काले, नीले या गहरे रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए.

3. सावन के आखिरी प्रदोष व्रत पर महादेव की पूजा में तुलसी के पत्ते और केतकी का फूल न चढ़ाएं. शिव पुराण के अनुसार, ये दोनों चीजें भगवान शिव को अप्रिय होती हैं. इनके बजाय आप शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और आक के फूल आदि अर्पित कर सकते हैं.

4. भगवान शिव को शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि महादेव ने शंखचूड़ राक्षस का वध किया था और बाद में वह शंख में परिवर्तित हो गया था.

5. सावन प्रदोष व्रत के दिन किसी भी व्यक्ति को घर से खाली हाथ न जानें दें, किसी का अपमान न करें और किसी को सताना भी नहीं चाहिए.

6. सावन प्रदोष व्रत के दौरान मन को शांत और पवित्र रखना चाहिए. अशांत और अप्रसन्न मन से की गई पूजा फल प्रदान नहीं करती है.

7. सावन प्रदोष व्रत के दौरान अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए. अगर आप पूर्ण निर्जला व्रत नहीं कर सकते, तो फलाहार कर सकते हैं.

प्रदोष व्रत क्यों रखा जाता है?

मान्यता है कि प्रदोष के समय महादेव कैलाश पर्वत के रजत भवन में इस समय नृत्य करते हैं और देवता उनके गुणों का स्तवन करते हैं। जो भी लोग अपना कल्याण चाहते हों यह व्रत रख सकते हैं। प्रदोष व्रत को करने से सब प्रकार के दोष मिट जाता है। सप्ताह के सातों दिन के प्रदोष व्रत का अपना विशेष महत्व है।

प्रदोष व्रत कितने साल तक करना चाहिए?

प्रदोष व्रत को आप अपनी श्रद्धा अनुसार जितने चाहें उतने साल तक रख सकते हैं, लेकिन शास्त्रों में बताया गया है कि 11 या 26 त्रयोदशी तिथियों तक प्रदोष व्रत रखना अच्छा होता है। भगवान शिव की विशेष कृपा व्यक्ति को प्राप्त होती है।

अन्य पढ़ें: Skanda Sashti : सावन मास की स्कंद षष्ठी कल

📢 For Advertisement Booking: 98481 12870