famous lord Shiva temples in world: सावन (Sawan) में शिव (Shiva) भक्ति का माहौल सिर्फ भारत तक नहीं सीमित है. नेपाल, श्रीलंका, मॉरिशस जैसे देशों में भी शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. विदेशों में बसे ये मंदिर बताते हैं कि शिव की महिमा सीमाओं में नहीं बंधी. इस सावन आप भी उनके चरणों में सिर झुकाकर आशीर्वाद जरूर लें।
Famous lord Shiva temples in world: सावन Sawan का महीना शुरू होते ही हर जगह भोलेनाथ की भक्ति की धूम मच जाती है. मंदिरों में गहरी घंटियों की आवाज, शिवालयों में गूंजता ‘हर हर महादेव’ और भक्तों की टोलियां कांवड़ लेकर अपने इष्ट को जल चढ़ाने निकल पड़ती हैं. इस महीने का महत्व सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में भगवान शिव की महिमा उतनी ही श्रद्धा से गाई जाती है. चाहे बात हो नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर की या फिर इंडोनेशिया, मॉरिशस, श्रीलंका, बांग्लादेश जैसे देशों में बसे शिवालयों की. सावन में इन जगहों पर भी भक्तों का सैलाब दिखाई देता है. कहते हैं शिव तो भोले हैं, सहज प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. शायद इसी वजह से उनकी भक्ति की सीमा कोई देश, कोई सरहद नहीं बांध पाई।
भारत में शिव भक्ति का अद्भुत उत्सव
अगर बात करें भारत की, तो यहां तो हर शहर, हर गांव में भगवान शिव का मंदिर मिल जाएगा. काशी विश्वनाथ से लेकर केदारनाथ और सोमनाथ तक, शिव के ये प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग सावन में लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींच लाते हैं. लोग कई-कई किलोमीटर पैदल चलकर जल चढ़ाने जाते हैं, व्रत रखते हैं, रुद्राभिषेक कराते हैं. सावन में शिव भक्तों की संख्या इतनी बढ़ जाती है कि कई जगहों पर तो मेले जैसा माहौल बन जाता है।
नेपाल के पशुपतिनाथ में उमड़ती है श्रद्धा
नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित पशुपतिनाथ मंदिर एशिया के सबसे पवित्र शिव मंदिरों में से एक माना जाता है. सावन के महीने में यहां नेपाल ही नहीं, भारत और अन्य देशों से भी हजारों भक्त शिव के दर्शन को आते हैं. यहां के धार्मिक माहौल में एक अलग ही दिव्यता महसूस होती है।
मॉरिशस, श्रीलंका और बांग्लादेश में भी शिव की गूंज
मॉरिशस का ग्रैंड बासिन यानी गंगा तालाव शिवभक्तों के लिए किसी तीर्थ से कम नहीं. सावन में यहां भारतीय मूल के लोग कांवड़ लेकर आते हैं और भोलेनाथ को जल अर्पित करते हैं. श्रीलंका में त्रिंकोमाली का कोनेश्वरम मंदिर और बांग्लादेश का ढाकेश्वरी मंदिर भी सावन में विशेष पूजा का केंद्र बन जाते हैं।
इंडोनेशिया और बाली में शिव की भव्य आराधना
इंडोनेशिया में प्रम्बानन मंदिर और बाली में सांग ह्यांग शिव के रूप में भगवान शिव की पूजा की जाती है. सावन में वहां भी लोग पूरी श्रद्धा से शिव पूजा करते हैं. यह बताता है कि शिव की भक्ति सच में विश्वव्यापी है।
सावन में शिव भक्ति की कोई सीमा नहीं
सच कहा जाए तो Sawan भगवान शिव सिर्फ भारत के ही देवता नहीं हैं. वो पूरे विश्व के देवता हैं. सावन Sawan उनके भक्तों के लिए खुशियों का महीना है, जब हर कोई उनके चरणों में सिर झुकाकर आशीर्वाद मांगता है. इस सावन अगर मौका मिले तो भारत ही नहीं, दूसरे देशों में भी बसे उनके भव्य मंदिरों में जाकर भोलेनाथ की भक्ति का अनुभव जरूर करें. यही उनकी सबसे बड़ी लीला है जो दिलों को जोड़ देती है।
सावन महीने का इतिहास क्या है?
इस माह में कनखल में शिव जी दक्षेश्वर रूप में विराजमान रहते हैं। इसके बाद मां पार्वती ने दूसरा जन्म माता सती और राजा हिमालय की पुत्री के रूप में लिया। उन्होंने महादेव को पति के रूप में पाने के लिए सावन के महीने में तपस्या की। उनकी तपस्या को भगवान शिव प्रसन्न हुए और मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया।
सावन मनाने के पीछे क्या कारण है?
शिवपुराण और पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना है। एक मान्यता यह भी है कि माता पार्वती ने सावन के महीने में ही भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तप किया था और सोमवार का व्रत रखा था।भगवान शिव उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया था।
शिव जी को सावन का महीना क्यों प्रिय है?
माता पार्वती ने शिवजी को प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया था।उसके चलते सावन के माह में शिवजी ने माता से विवाह किया था।इसलिए मुझे यह माह प्रिय है। दूसरा कारण- देव-दैत्यों ने मिलकर समुद्र मंथन किया