Nirjala Ekadashi करें ये उपाय, दूर होंगे सभी कष्ट निर्जला एकादशी का महत्व
Nirjala Ekadashi हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। यह एकादशी साल की सबसे कठिन और पुण्यदायिनी मानी जाती है क्योंकि इसमें जल तक ग्रहण नहीं किया जाता। इस व्रत को रखने से अन्य सभी एकादशियों के बराबर फल मिलता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
निर्जला एकादशी पर करें ये खास उपाय
इस दिन कुछ विशेष उपाय करके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है। आइए जानें ऐसे ही असरदार उपाय:

1. विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें
- भगवान विष्णु को समर्पित इस स्तोत्र का पाठ करने से जीवन की परेशानियां कम होती हैं।
2. जल दान करें
- निर्जला एकादशी के दिन जल का दान सबसे श्रेष्ठ माना गया है।
- किसी प्यासे को शर्बत या ठंडा पानी पिलाएं।
3. पीपल के पेड़ की पूजा करें
- पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाएं और परिक्रमा करें।
- यह पापों के नाश में सहायक होता है।
4. जरूरतमंदों को वस्त्र और अन्न दान करें
- विशेषकर गरीबों को भोजन और कपड़े देना पुण्यकारी होता है।
- यह साल भर के लिए शुभ फल प्रदान करता है।
5. व्रत और उपवास का पालन करें
- अगर स्वास्थ्य की स्थिति ठीक हो तो निर्जला व्रत अवश्य करें।
- केवल तुलसी जल या चरणामृत लेकर दिन बिताएं।

पूरे साल मिलता है शुभ फल
Nirjala Ekadashi पर किए गए उपाय और व्रत पालन से व्यक्ति को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:
- मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा
- जीवन के संकटों से मुक्ति
- स्वास्थ्य में सुधार
- आर्थिक स्थिति में स्थायित्व
- पूरे वर्ष भाग्य का साथ
Nirjala Ekadashi केवल व्रत नहीं बल्कि आत्मिक शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का माध्यम है। इस दिन किए गए धार्मिक उपाय न केवल जीवन को खुशहाल बनाते हैं बल्कि दुखों को भी दूर करते हैं। यदि आप भी अपने जीवन में सुख, शांति और सफलता चाहते हैं, तो इस एकादशी पर उपरोक्त उपाय जरूर अपनाएं।