1. अमरनाथ गुफा मंदिर
अमरनाथ गुफा, समुद्रतल से 3,888 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और यह भगवान शिव के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। पहलगाम यह गुफा प्राकृतिक रूप से निर्मित शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है, जो हर वर्ष बर्फबारी के कारण बनता है और हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।
2. ममलेश्वर मंदिर
ममलेश्वर मंदिर, जो लगभग 400 ईस्वी में स्थापित हुआ था, भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर लिद्दर नदी के किनारे स्थित है और स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, यहां भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था।
2025 का आतंकवादी हमला: घटनाक्रम और प्रतिक्रिया
22 अप्रैल 2025 को, पहलगाम के बैसरान घाटी में आतंकवादियों ने एक पर्यटक समूह पर हमला किया, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए और 17 घायल हुए। हमलावरों ने पीड़ितों से नाम पूछे और धर्म की पहचान करने के बाद ही उन्हें निशाना बनाया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि हमला धार्मिक आधार पर किया गया था।
इस हमले की जिम्मेदारी “कश्मीर रेजिस्टेंस” नामक आतंकवादी समूह ने ली है, जो भारतीय प्रशासन द्वारा कश्मीर में बाहरी लोगों की बसावट को लेकर विरोध जता रहा है।
धार्मिक सहअस्तित्व और आतंकवाद
पाहलगाम जैसे धार्मिक स्थलों पर इस प्रकार के हमले धार्मिक सहअस्तित्व की भावना को चुनौती देते हैं। यहां हिंदू, मुस्लिम, सिख और अन्य समुदायों के लोग मिलजुल कर रहते हैं और एक-दूसरे की धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करते हैं। ऐसे हमले इस सहअस्तित्व को कमजोर करने की कोशिश करते हैं और क्षेत्रीय शांति को प्रभावित करते हैं।
सरकारी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा की और हमलावरों को शीघ्र न्याय के कटघरे में लाने का आश्वासन दिया। गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर का दौरा किया और सुरक्षा बलों को निर्देशित किया कि वे हमलावरों को पकड़ने के लिए त्वरित कार्रवाई करें। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी इस हमले की निंदा की है, जिसमें अमेरिकी उपराष्ट्रपति JD Vance और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शामिल हैं।
पाहलगाम का धार्मिक महत्त्व न केवल हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए है। यहां के धार्मिक स्थल सांप्रदायिक सद्भाव और सांस्कृतिक विविधता के प्रतीक हैं। हालिया आतंकवादी हमले ने इस क्षेत्र की शांति और धार्मिक सहअस्तित्व को चुनौती दी है। ऐसे हमलों के बावजूद, यह आवश्यक है कि हम सभी मिलकर शांति, समझ और सहिष्णुता की भावना को बढ़ावा दें।