जानिए तीसरे, पांचवें और सातवें दिन के शुभ मुहूर्त
- गणेशोत्सव 2025 की शुरुआत और विसर्जन तिथियां
- गणेश चतुर्थी: 30 अगस्त 2025 (शनिवार)
- अनंत चतुर्दशी: 8 सितंबर 2025 (सोमवार)
- भक्त 1.5, 3, 5, 7 या 10 दिन तक गणपति की पूजा कर सकते हैं।
गणेशोत्सव (Ganeshotsav) की शुरुआत साल 2025 में 27 अगस्त से हो चुकी है। इस दिन बप्पा के कई भक्त घर में गणपति स्थापित करते हैं। वैसे तो पारंपरिक रूप से बप्पा को 10 दिनों तक घर में स्थापित किया जाता है और उसके बाद अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) के दिन गणपति विसर्जन होता है। हालांकि कुछ लोग डेढ़, तीसरे, पांचवे और सातवें दिन में भी गणपति विसर्जन करते हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं कि अनंत चतुर्दशी से पहले जो लोग गणपति विसर्जन करने वाले हैं उन्हें किस शुभ मुहूर्त में ऐसा करना चाहिए।
गणेशोत्सव के तीसरे दिन गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त
गणेशोत्सव Ganeshotsav का तीसरा दिन 29 अगस्त को है। इस दिन पूजा के साथ ही विसर्जन का मुहूर्त नीचे दिया गया है।
- सुबह के समय शुभ मुहूर्त- सुबह 05:59 मिनट से 10:47 मिनट तक
- दोपहर के समय शुभ मुहूर्त- दोपहर 12:22 मिनट से 01:58 मिनट तक
- शाम के समय शुभ मुहूर्त- शाम 05:11 मिनट से शाम 06:46 मिनट तक
गणेशोत्सव के पांचवें दिन गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त

गणेशोत्सव का पांचवा दिन 31 अगस्त को है। इस दिन पूजा के साथ ही विसर्जन का मुहूर्त नीचे दिया गया है।
- सुबह के समय शुभ मुहूर्त- सुबह 07:36 मिनट से 12:23 मिनट तक
- दोपहर के समय शुभ मुहूर्त- दोपहर 01:57 मिनट से 03:32 मिनट तक
- शाम के समय शुभ मुहूर्त- शाम 06:44 मिनट से शाम 10:57 मिनट तक
गणेशोत्सव के सातवें दिन गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त
गणेशोत्सव Ganeshotsav का तीसरा दिन 2 सितंबर को है। इस दिन पूजा के साथ ही विसर्जन का मुहूर्त नीचे दिया गया है।
- सुबह के समय शुभ मुहूर्त- सुबह 09:11 मिनट से दोपहर 01:56 मिनट तक
- दोपहर के समय शुभ मुहूर्त- दोपहर 03:31 मिनट से शाम 05:05 मिनट तक
- रात्रि के समय शुभ मुहूर्त- रात्रि 08:06 मिनट से 09:31 मिनट तक
अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त
अनंत चतुर्दशी से पहले ऊपर बताए गए तीन दिनों में आप गणेश विसर्जन कर सकते हैं। हालांकि अधिकतर लोग अनंत चतुर्दशी के दिन ही गणेश विसर्जन करेंगे। अनंत चतुर्दशी की शुरुआत 6 सिंतबर की सुबह 3 बजकर 12 मिनट से हो जाएगी वहीं इसका समापन 7 सिंतबर को दोपहर लगभी 1 बजकर 40 मिनट पर होगा। ऐसे में 6 और 7 सिंतबर दोनों ही दिन गणेश विसर्जन किया जा सकता है।
अनंत चतुर्दशी व्रत की कहानी क्या है?
दंतकथा अनंत चतुर्दशी के पीछे एक कथा महाभारत में मिलती है। इसमें सुशीला नाम की एक महिला की कहानी है, जिसकी मुलाकात नदी किनारे अनंत की पूजा कर रही महिलाओं के एक समूह से हुई। उन्होंने बताया कि इस व्रत (पवित्र अनुष्ठान) को करने से कर्ता को बहुत पुण्य प्राप्त होगा और उन्हें सुरक्षा मिलेगी।
अनंत किस भगवान का नाम है?
अनंत सूत्र जिसे अनंता भी कहते हैं, भगवान विष्णु के अनंत रूप का प्रतीक है।
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