4 राशियों के प्रेम और वैवाहिक जीवन में आएगा सुख और सौभाग्य
Shukra Nakshatra Parivartan: शुक्र ग्रह 3 सितंबर 2025 को पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) से निकलकर बुध ग्रह के स्वामित्व वाले अश्लेषा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे। शुक्र को प्रेम, भौतिक सुख, संपन्नता का कारक माना जाता है। ऐसे में शुक्र का नक्षत्र परिवर्तन करना कुछ राशियों के जीवन में बेहद सुखद बदलाव लेकर आ सकता है। इन राशियों को प्रेम और वैवाहिक जीवन में सुखद फल प्राप्त होंगे। आइए जान लेते हैं कौन-कौन सी हैं ये राशियां।
मेष राशि
शुक्र के नक्षत्र (Shukra Nakshatra) परिवर्तन करने से आप खुद में अच्छे बदलाव देख सकते हैं। वैवाहिक और प्रेम जीवन में आप अपनी प्रेम भावनाओं को खुलकर व्यक्त करेंगे। इस दौरान पार्टनर से नजदीकी बढ़ेगी। इस राशि के कुछ लोग अपने रिश्ते के बारे में घर पर भी बता सकते हैं और आपको सकारकात्मक जवाब मिलने की भी संभावना है। प्रेम जीवन के अतिरिक्त आपको आर्थिक मोर्चे पर भी शुक्र के परिवर्तन से लाभ देखने को मिलेगा।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वाले कुछ जातक इस दौरान प्रेम का इजहार करते देखे जा सकते हैं। अपने पार्टनर के साथ किसी रोमांटिक स्थान पर जाने का प्लान भी आप बना सकते हैं। एक अच्छे दोस्त की तरह आपका पार्टनर आपका साथ देगा। वैवाहिक जीवन की गाड़ी भी पटरी पर लौटेगी। आप सुख-सुविधाओं पर धन खर्च कर सकते हैं। शुक्र गोचर के प्रभाव से घर परिवार का माहौल भी खुशनुमा नजर आएगा।
मकर राशि
इस राशि के कुछ जातक शुक्र के नक्षत्र परिवर्तन के बाद शादी के बंधन में बंध सकते हैं। वहीं शादीशुदा लोगों के जीवन में भी अच्छे बदलाव देखने को मिलेंगे, जीवनसाथी के साथ उलझी बातें इस दौरान सुलझेंगी। कुछ लोग अपने पार्टनर के साथ मिलकर बिजनेस शुरू करने का विचार भी इस दौरान बना सकते हैं। शुक्र ग्रह के प्रभाव से सामाजिक स्तर पर आपकी ख्याति बढ़ेगी। कुछ लोगों को करिय क्षेत्र में नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं।
मीन राशि
आपके प्रेम संबंधों पर शुक्र के नक्षत्र परिवर्तन का सबसे अधिक प्रभाव देखने को मिलेगा। कुछ लोग अपने लव पार्टनर से शादी की बात करेंगे और संभव है कि चट मंगनी और पट शादी भी हो जाए। वहीं जो लोग सिंगल हैं उनकी मुलाकात किसी खास से इस दौरान हो सकती है। शुक्र आपके जीवन के संघर्षों को कम कर सकते हैं। इस दौरान अपनी वाणी के आकर्षण से आप सामाजिक स्तर पर लोगों को प्रभावित भी करेंगे और आपकी ख्याति बढ़ेगी।
एक नक्षत्र कितने दिनों का होता है?
नक्षत्र प्रणाली वैदिक परंपरा पर हेलेनिस्टिक खगोल विज्ञान के प्रभाव से पहले की है, जो लगभग दूसरी शताब्दी ईस्वी से प्रचलित हो गई थी। नक्षत्रों की गणना करने की विभिन्न प्रणालियाँ हैं; [स्पष्टीकरणआवश्यक] हालांकि एक नाक्षत्र माह में 27-28 दिन होते हैं, प्रथा के अनुसार केवल 27 दिनों का ही उपयोग किया जाता है।
सबसे शुभ नक्षत्र कौन सा है?
ज्योतिषशास्त्र में पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना गया है।
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