हम्पी को हराकर रचा इतिहास
Chess World Cup: भारत की उभरती हुई युवा ग्रैंडमास्टर दिव्या देशमुख (Divya Deshmukh) ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने अनुभवी और दिग्गज खिलाड़ी कोनेरु हम्पी को टाईब्रेकर में हराकर (FIDE) महिला विश्व कप 2025 का खिताब जीत लिया। यह जीत उन्हें इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट को जीतने वाली पहली भारतीय महिला बना देती है।
Chess World Cup : महिला शतरंज विश्व कप के फाइनल मुकाबले में दिव्या देशमुख Divya Deshmukh ने ग्रैंडमास्टर और हमवतन कोनेरू हम्पी को हराकर खिताब अपने नाम कर लिया। वह फिडे महिला शतरंज विश्व कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं। कोनेरू हम्पी के पास वापसी का एक छोटा सा मौका था, लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा सकीं। दिव्या ने काले मोहरों पर एक शानदार जीत दर्ज की।
अंतरराष्ट्रीय मास्टर दिव्या देशमुख ने अपने से ऊंची रैंकिंग वाली ग्रैंडमास्टर और हमवतन कोनेरू हम्पी को फिडे महिला विश्व कप फाइनल के पहले और दूसरे गेम में कोई मौका दिए बिना ड्रॉ खेलने पर मजबूर किया था। इससे मैच टाईब्रेकर में पहुंचा था।
टाईब्रेकर में कैसे खेला जाता है मैच?
टाई-ब्रेकर में 15-15 मिनट के दो गेम होंगे जिसमें हर चाल के बाद 10 सेकेंड का इजाफा होगा। स्कोर इसके बाद बराबर रहता तो दोनों खिलाड़ियों को 10-10 मिनट प्रति गेम के हिसाब से एक और सेट खेलने का मौका मिलता। इसमें भी हर चाल के बाद 10 सेकेंड का इजाफा होता। दोनों के बीच पहला रैपिड टाईब्रेकर भी ड्रॉ रहा। फिर दूसरे टाईब्रेकर में फैसला आया।
मैच का परिणाम अगर दूसरे टाईब्रेकर में भी नहीं निकलता, तो पांच-पांच मिनट के दो और गेम होते और इसमें हर चाल के बाद तीन सेकेंड की बढ़ोतरी होती। इसके बाद एक गेम का मुकाबला होता जिसमें दोनों खिलाड़ियों को तीन मिनट मिलते और दो सेकंड का इजाफा होगा। यह तब तक चलता, जब तक कोई खिलाड़ी विजेता न बना जाए। हालांकि, इसकी नौबत नहीं आई। नागपुर की 19 वर्षीय दिव्या अब खिताब जीतकर ग्रैंडमास्टर बन चुकी हैं।
खिताबी जीत के बाद भावुक हुईं दिव्या
19 वर्षीय दिव्या ने न केवल फिडे महिला शतरंज विश्व कप जीता है, बल्कि इस जीत के साथ ‘ग्रैंडमास्टर’ का खिताब भी हासिल किया है। इस जीत के बाद भावुक हो गईं। दिव्या के लिए ये यादगार पल हैं। दिव्या कैंडिडेट्स शतरंज के लिए पहले ही क्वालिफाई कर चुकी हैं।
दिव्या की रैंक कितनी है?
21 वर्ष की उम्र में आईपीएस अधिकारी बनीं और 23 वर्ष की उम्र में आईएएस अधिकारी बनीं, तथा अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने अखिल भारतीय स्तर पर 105वां रैंक हासिल किया।8 Mar 2025
दिव्या देशमुख Divya Deshmukh ने शतरंज खेलना कब शुरू किया?
क्या आप जानते हैं कि दिव्या देशमुख ने सिर्फ़ पाँच साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया था और 16 साल की उम्र में महिला ग्रैंडमास्टर बन गईं? अब, 19 साल की उम्र में, उन्होंने दुनिया की नंबर 1 खिलाड़ी होउ यिफान को 74 चालों के रोमांचक ब्लिट्ज़ मुकाबले में हरा दिया है! उनकी इस जीत से भारत 2025 FIDE चैंपियनशिप में ब्लिट्ज़ में तीसरे और रैपिड में दूसरे स्थान पर रहा।