इस बार सावन (Sawan) का पहला सोमवार (Somwar) 14 जुलाई को पड़ रहा है. सावन सोमवार को भक्त विशेष शिव पूजन करते हैं. लेकिन पहले सोमवार के दिन एक संयोग के कारण पूजा बाधित हो सकती है. ऐसे में अगर आप श्रावण सोमवार को पूजा करने जा रहे हैं, तो समय का खास ध्यान रखें।
सावन Sawan : सावन के पहले सोमवार को इस समय भूलकर भी न करें शिव पूजा! का पवित्र महीना 11 जुलाई से शुरू हो चुका है, जो कि पूर्णरूप से शिवभक्ति को समर्पित है. धार्मिक मान्यता है सावन के महीने में जो भी भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं. सावन का महीना जितना पवित्र है, उतना ही इसका सोमवार महत्वपूर्ण माना गया है. सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को है, लेकिन इस दिन भद्रा का साया भी रहने वाला है और भद्रा के समय जलाभिषेक करना वर्जित होता है. ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि भद्रा का साया कब तक रहेगा और किस समय आप शिव पूजन कर सकते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को है. इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए और शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना चाहिए. साथ ही, इस दिन शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक भी करें. अगर आप सिर्फ इतना काम करते हैं, तो आपको जीवन के सभी कष्ट दूर हो सकते हैं और भगवान शिव आपसे प्रसन्न हो जाएंगे। लेकिन पूजा के समय भद्रा का खास ध्यान रखें।
14 जुलाई को भद्रा का साया
ज्योतिष के अनुसार, यह भद्रा मृत्यु लोक में है, इसलिए इसे बहुत अशुभ माना जाता है. सावन Sawan : सावन के पहले सोमवार को इस समय भूलकर भी न करें शिव पूजा!के पहले सोमवार के दिन भद्रा का साया 14 जुलाई को सुबह 11:26 मिनट से लेकर 11:42 मिनट तक रहेगी. इस दौरान पूजा-पाठ और जलाभिषेक करना शुभ नहीं माना जाता है. इसलिए आप 14 जुलाई को सुबह 11:26 मिनट से पहले ही भगवान शिव की पूजा कर लें।
पहला सोमवार शिव पूजा मुहूर्त
सावन के पहले सोमवार के दिन अगर आप शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा करना चाहते हैं तो पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त 14 जुलाई सुबह 5:05 मिनट से लेकर सुबह 11:20 मिनट तक है. धार्मिक मान्यता है कि इस दौरान पूजा का विशेष लाभ मिल सकता है. लेकिन 14 जुलाई को भद्रा के समय भूलकर भी भगवान शिव की पूजा न करें।
सावन के सोमवार व्रत क्यों रखे जाते हैं?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन सोमवार व्रत करने से साधक को शिव जी कृपा की प्राप्ति होती है।साथ ही साधक की सभी मनोकामना भी पूरी होती हैं। ऐसे में यह स्त्री व पुरुष दोनों के द्वारा ही किया जा सकता है, जिससे उन्हें शिव जी की कृपा की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में अच्छे परिणाम मिलने लगते हैं।
श्रावण सोमवार का क्या अर्थ है?
श्रावण मास, जिसे सावन का महीना भी कहा जाता है, भगवान शिव की पूजा करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए मनाया जाता है। सावन माह के दौरान सोमवार का दिन शुभ होता है और ऐसा माना जाता है कि यदि भक्त समर्पण के साथ भगवान शिव की पूजा करे तो भगवान शिव उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।