नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Sah) ने घोषणा की कि मोदी सरकार 2047 तक देश को नशा मुक्त बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर काम कर रही है। इसका उद्देश्य युवा पीढ़ी को सुरक्षित कर एक विकसित राष्ट्र का निर्माण करना है।
तीन तरह के ड्रग कार्टेल्स पर कड़ा प्रहार अनिवार्य
शाह ने कहा कि एंट्री पॉइंट (Anti Point) से लेकर लोकल स्तर तक सक्रिय तीन प्रकार के ड्रग कार्टेल — (1) आयात/एंट्री पॉइंट कार्टेल, (2) एंट्री से राज्य तक वितरण कार्टेल, और (3) शहरों में थोक से रिटेल स्तर तक वाले कार्टेल — सभी पर कड़ा प्रहार किया जाएगा।
प्रत्यर्पण और निर्वासन को प्राथमिकता देने का आह्वान
केंद्रीय मंत्री ने विदेशों से संचालित तस्करों के प्रत्यर्पण और निर्वासन को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जो लोग विदेश में बैठकर भारत में नशे का कारोबार चला रहे हैं, उन्हें हमारे कानून के दायरे में लाना होगा।
एएनटीएफ प्रमुखों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया
शाह ने मादक द्रव्य निरोधक कार्यबल (ANTF) के प्रमुखों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अब कार्रवाई के पैमाने में बदलाव का समय आ गया है, ताकि आने वाले दिनों में और अधिक सफलताएँ मिलें।
2047 के विजन से जोड़कर बताया युवा पीढ़ी का महत्व
शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने 2047 में एक महान, पूर्णतः विकसित भारत का विजन दिया है। इसके लिए युवा पीढ़ी को नशे की लत से बचाना बेहद जरूरी है, क्योंकि किसी भी राष्ट्र की नींव उसकी आने वाली पीढ़ियाँ होती हैं।
अंतरराष्ट्रीय समन्वय और सीबीआई का रोल अहम
शाह ने कहा कि भगौड़ों का प्रत्यर्पण और निर्वासन महत्वपूर्ण है और इसमें सीबीआई ने अच्छा काम किया है। उन्होंने एएनटीएफ प्रमुखों से सीबीआई निदेशक से संपर्क कर प्रत्यर्पण की स्थायी व्यवस्था स्थापित करने का अनुरोध किया, ताकि न सिर्फ ड्रग्स बल्कि आतंकवाद व गिरोहों के खिलाफ भी कारगर कार्रवाई हो सके।
जनता और अधिकारियों से साझेदार जैसा संकल्प मांगा
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि यह लड़ाई तभी जीती जा सकती है जब सभी — प्रहरी, अधिकारी और समाज — यह तय कर लें कि यह हमारी लड़ाई है और समन्वित रूप से कदम उठाएँ।
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