कई प्रांतों में मचा तबाही का मंजर
नई दिल्ली: अफगानिस्तान में रविवार रात आए 6.3 तीव्रता के भूकंप(Earthquake) ने भारी तबाही मचाई। अब तक 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 500 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार झटके जलालाबाद(Jalalabad) से 17 मील दूर महसूस किए गए। अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि राहत कार्य अभी जारी है।
प्रभावित इलाकों में हाहाकार
रातभर जलालाबाद और आसपास के इलाकों में लोग दहशत में रहे। झटके इतने तेज थे कि काबुल(Kabul) तक लोगों ने इन्हें महसूस किया। रिपोर्ट्स के अनुसार सबसे ज्यादा नुकसान कुनार प्रांत में हुआ है। सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने बताया कि पूर्वी हिस्सों में जान-माल की भारी क्षति हुई है।
पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब तक झटके पहुंचे। लोग घरों से बाहर निकल आए और रातभर सड़कों पर डरे-सहमे रहे।
भूकंपों का इतिहास और खतरा
अफगानिस्तान पहले भी कई बार शक्तिशाली भूकंप(Earthquake) झेल चुका है। अक्टूबर 2023 में आए भूकंप में लगभग 4 हजार मौतें हुई थीं, वहीं 2022 में 5.9 तीव्रता के झटकों में करीब 1000 लोग मारे गए थे। हिंदूकुश पर्वतमाला के कारण यह इलाका भूकंप संवेदनशील माना जाता है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि अफगानिस्तान भारत और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट्स के बीच आता है। यही कारण है कि यहां लगातार हलचल होती रहती है, जिससे भूकंप का खतरा बना रहता है।
झटके सबसे ज्यादा कहां महसूस किए गए?
भूकंप का केंद्र जलालाबाद के पास था और सबसे अधिक मौतें कुनार प्रांत में हुई हैं। इसके अलावा काबुल और पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में भी झटके दर्ज किए गए।
अब तक कितने लोग प्रभावित हुए हैं?
अब तक 250 से ज्यादा लोगों की मौत और 500 से अधिक लोग घायल हुए हैं। राहत अभियान जारी है और संख्या और बढ़ सकती है।
अफगानिस्तान में बार-बार भूकंप क्यों आते हैं?
यह क्षेत्र हिंदूकुश पर्वतमाला और टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल के कारण संवेदनशील है। प्लेट्स के टकराने से ऊर्जा निकलती है, जिससे भूकंप आता है।
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