गौतम अडानी फिर टॉप 20 में लौटे
नई दिल्ली: एलन मस्क(Elon Musk) ने एक बार फिर दुनिया के सबसे अमीर शख्स के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। हाल ही में कुछ समय के लिए वे ओरेकल(Oracle) के संस्थापक लैरी एलिसन(Larry Ellison) से पीछे रह गए थे, लेकिन बीते दो दिनों में उनकी नेटवर्थ में भारी उछाल दर्ज हुआ। इस दौरान उनकी संपत्ति में 35 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई और यह 419 अरब डॉलर पर पहुंच गई। हालांकि इस साल उनकी संपत्ति में 13.8 अरब डॉलर की गिरावट भी आई है।
अरबपतियों की नई रैंकिंग
एलिसन की नेटवर्थ अब 349 अरब डॉलर पर सिमट गई है। शुक्रवार को उनकी संपत्ति में 14.5 अरब डॉलर की कमी आई, जबकि साल की शुरुआत से अब तक उन्होंने 157 अरब डॉलर जोड़े हैं। फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग 265 अरब डॉलर के साथ तीसरे स्थान पर हैं। इनके बाद अमेजन के जेफ बेजोस 250 अरब डॉलर, लैरी पेज 211 अरब डॉलर और सर्गेई ब्रिन 198 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ इस सूची में हैं।
सूची में स्टीव बालमर 175 अरब डॉलर, बर्नार्ड आरनॉल्ट 163 अरब डॉलर, जेंसन हुआंग 155 अरब डॉलर और माइकल डेल 149 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ शीर्ष दस में शामिल हैं। इस साल की रैंकिंग में 9 अमेरिकी अरबपति टॉप 10 में जगह बनाए हुए हैं।
भारत के अंबानी और अडानी
भारत और एशिया के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी 98.9 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ 18वें स्थान पर हैं। इस वर्ष उनकी संपत्ति में 8.25 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है। इसी बीच अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी 82.1 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ दोबारा टॉप 20 में शामिल हो गए हैं। शुक्रवार को उनकी संपत्ति में 3.44 अरब डॉलर का उछाल दर्ज किया गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव और अमेरिकी नीतियों का असर इन अरबपतियों की संपत्ति पर पड़ रहा है। फिर भी मस्क(Elon Musk) की लगातार बढ़त ने उन्हें 400 अरब डॉलर से ऊपर बने रहने वाला अकेला धनी बना दिया है।
एलन मस्क की संपत्ति में इतनी तेजी क्यों आई?
पिछले दिनों टेस्ला के शेयरों में आई भारी बढ़त ने उनकी संपत्ति को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया। इसके अलावा स्पेसएक्स और स्टारलिंक प्रोजेक्ट्स की सफलता ने भी उनके नेटवर्थ को मजबूती दी है।
गौतम अडानी की टॉप 20 में वापसी का क्या कारण रहा?
अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी और निवेशकों का भरोसा फिर से लौटना इसका बड़ा कारण है। ऊर्जा और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों में हुए नए करारों ने भी उनकी संपत्ति को तेजी से बढ़ाया है।
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