गांव में पूरे परिवार के साथ रहती थी बहन
हैदराबाद। रंगा रेड्डी जिले के कोथुर में सोमवार शाम एक युवती की उसके भाई ने कथित तौर पर झगड़े के बाद हत्या कर दी, जब वह अपने प्रेमी (Lover) से फोन पर बात कर रही थी। पीड़िता, जिसकी पहचान डी रुचिता (21) के रूप में हुई है, अपनी डिग्री पूरी कर चुकी थी और एमबीए (MBA) कोर्स में दाखिला लेने का इंतज़ार कर रही थी। वह कोथुर मंडल के पेंजरला गाँव में अपने माता-पिता राघवेंद्र, सुनीता और दो भाई-बहनों के साथ रह रही थी।
गांव के एक युवक से करती थी प्यार
पुलिस के मुताबिक, रुचिता उसी गांव के एक युवक से प्यार करती थी। हालाँकि, उसके माता-पिता उनके रिश्ते के खिलाफ थे, लेकिन दोनों प्रेमी-प्रेमिका फोन पर एक-दूसरे से बात करते रहे। इससे पहले, दोनों पक्षों के परिवार के सदस्यों ने बुजुर्गों की मौजूदगी में समझौता कर लिया और युवाओं को एक-दूसरे से बात न करने की चेतावनी दी, जिस पर वे सहमत हो गए। हालाँकि, हाल ही में उनके बीच फिर से फोन पर बातचीत शुरू हो गई थी। रुचिता का छोटा भाई रोहित (20), जो इसके खिलाफ था, उसे डाँटता रहता था।
माता-पिता गए थे काम पर
सोमवार को जब उनके माता-पिता काम पर गए थे, तो घर पर सिर्फ़ रुचिता और रोहित ही थे। इसी दौरान रोहित ने कथित तौर पर रुचिता को अपने प्रेमी से फ़ोन पर बात करते हुए देख लिया और उससे झगड़ा शुरू कर दिया। गरमागरम बहस के बाद उसने गुस्से में तार से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। शाम को जब उनके माता-पिता लौटे, तो उसने बताया कि रुचिता बेहोश हो गई है। उन्होंने समझा कि उसकी हत्या कर दी गई है और पुलिस को सूचना दी। कोथुर पुलिस जांच कर रही है।

हत्या कितने प्रकार की होती है?
दो प्रकार की मानी जाती है: आपराधिक हत्या (Murder) और गैर-इरादतन हत्या (Culpable Homicide not amounting to Murder)। इसके अलावा कानून में आत्मरक्षा में की गई हत्या, वैधानिक कार्रवाई के दौरान हुई हत्या आदि को भी अलग श्रेणियों में रखा जाता है।
हत्या से आप क्या समझते हैं?
किसी व्यक्ति की जानबूझकर या गैर-इरादतन तरीके से जान लेना हत्या कहलाता है। यह एक आपराधिक कृत्य है, जो भारत के दंड संहिता (IPC) की धारा 299 से 304 तक के अंतर्गत आता है। हत्या का उद्देश्य, साधन और परिस्थिति, इसकी गंभीरता को तय करते हैं।
मर्डर कितने प्रकार के होते हैं?
आपराधिक दृष्टिकोण से मर्डर के प्रमुख प्रकार हैं: प्रथम श्रेणी हत्या (पूर्वनियोजित), द्वितीय श्रेणी हत्या (गैर-पूर्वनियोजित), सांस्कृतिक/ऑनर किलिंग, सिरियल किलिंग, और आतंकवादी हत्या। न्यायालय इनके पीछे के उद्देश्य, योजना और क्रूरता को ध्यान में रखकर दंड निर्धारित करता है।
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