नई दिल्ली। महिला सशक्तिकरण और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने अपनी पहली महिला कमांडो यूनिट (Women Commando Unit) तैयार कर ली है। यह पहल इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत की महिलाएं अब सिर्फ सहयोगी भूमिका में नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा की अग्रिम पंक्ति पर खड़ी होकर हर चुनौती का सामना करने को तैयार हैं।
बरवहा RTC में हो रहा कड़ा प्रशिक्षण
सीआईएसएफ की इस पहली ऑल-वुमेन कमांडो यूनिट में शामिल 30 महिला कर्मियों का पहला बैच वर्तमान में मध्य प्रदेश के बरवहा (RTC) में 8 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण से गुजर रहा है।
इस उच्चस्तरीय प्रशिक्षण में शामिल हैं—
- क्विक रिएक्शन टीम (QRT) की ड्यूटी
- लाइव-फायर अभ्यास
- लंबी दूरी की दौड़ और धीरज प्रशिक्षण
- रैपलिंग और स्लिदरिंग तकनीक
- जंगल में जीवित रहने की रणनीतियां
- 48 घंटे का आत्मविश्वास और धैर्य परीक्षण
- प्रशिक्षण उन्हें न केवल शारीरिक रूप से मजबूत बना रहा है, बल्कि मानसिक दृढ़ता और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता भी विकसित कर रहा है।
2026 तक 2,400 महिला कमांडो होंगी बल का हिस्सा
पहले चरण में कुल 100 महिला कमांडो को प्रशिक्षित कर तैयार किया जाएगा। इसके बाद, वर्ष 2026 तक 2,400 अतिरिक्त महिला कर्मियों को भी सीआईएसएफ में शामिल करने की योजना है। यह कदम गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा तय किए गए बल में 10% महिला भागीदारी के लक्ष्य की दिशा में बड़ी उपलब्धि साबित होगा।
सीआईएसएफ का ऐतिहासिक संदेश
सीआईएसएफ ने अपने आधिकारिक संदेश में लिखा—“महिला सशक्तिकरण और परिचालन उत्कृष्टता की दिशा में यह ऐतिहासिक पहल है। सीआईएसएफ की पहली महिला कमांडो यूनिट महिलाओं को राष्ट्रीय सुरक्षा की अग्रिम पंक्ति में लाकर उन्हें समान अवसर और जिम्मेदारी प्रदान कर रही है।”
नारी शक्ति और राष्ट्रीय सुरक्षा का संगम
इस कदम ने साबित कर दिया है कि नारी शक्ति अब सिर्फ प्रतीक नहीं, बल्कि ताकत और हिम्मत की सच्ची मिसाल है। सीआईएसएफ की महिला कमांडो यूनिट न केवल देश की सीमाओं और रणनीतिक स्थानों की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगी, बल्कि यह समाज को भी संदेश देगी कि महिलाएं हर क्षेत्र में बराबरी से खड़ी हो सकती हैं। यह ऐतिहासिक पहल लैंगिक समानता, साहस और समावेशिता को नई परिभाषा देती है और आने वाले समय में भारत की सुरक्षा व्यवस्था में महिलाओं की अग्रिम भूमिका को और मज़बूती से स्थापित करेगी।
CISF की पहली इकाई क्या थी?
राष्ट्रपति की मंज़ूरी के बाद, यह विधेयक 2 दिसंबर 1968 को अधिनियम बन गया और 10 मार्च 1969 को लागू हुआ, जब 2,800 कर्मियों की क्षमता के साथ CISF का गठन किया गया। इसे पहली बार 1 नवंबर 1969 को महाराष्ट्र के ट्रॉम्बे स्थित भारतीय उर्वरक निगम के विनिर्माण संयंत्र में शामिल किया गया था।
Cisf कितने साल की होती है?
सीआईएसएफ (CISF) में कांस्टेबल पद के लिए, उम्मीदवारों की आयु 18 से 23 वर्ष के बीच होनी चाहिए. कुछ विशेष श्रेणियों के लिए आयु में छूट भी दी जाती है.
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