Israel Hamas war: इजरायल (Israel) और हमास के बीच जारी युद्ध ने गाजा पट्टी में कहर बरपा रखा है। इस युद्ध का सबसे भयावह चेहरा डॉक्टर अला अल-नज्जर की कहानी है, जिन्होंने एक इजरायली हवाई आक्रमणों में अपने 10 में से 9 बच्चों को खो दिया। दसवां बच्चा एडम गंभीर रूप से जख्मी होकर ICU में भर्ती है।
डॉक्टर जो दूसरों के बच्चों को बचा रही थीं
डॉ. अला अल-नज्जर पेशे से पीडियाट्रिशियन हैं और गाजा के नासिर अस्पताल में जख्मी बच्चों का चिकित्सा कर रही थीं। तभी उन्हें समाचार मिली कि उनके खान यूनिस स्थित घर पर इजरायली हवाई आक्रमण हुआ है, जहां उनके सभी बच्चे थे।
जले हुए घर और पहचान से परे शव
Israel Hamas war: घर पहुंचने के लिए डॉक्टर अला को पैदल ही भागना पड़ा क्योंकि आवागमन का कोई साधन नहीं था। जब वह वहां पहुंचीं, तो उनका गृह खंडहर में तब्दील हो चुका था और उनके बच्चों के लाश बुरी तरह जल चुके थे। उनके देवर अली अल-नज्जर ने कहा कि शवों की पहचान करना कठिन था।

मां की चीख और मातम में डूबा परिवार
जब अला ने अपनी बेटी निबल का लाश देखा, तो वह चीख पड़ीं। रिश्तेदारों ने बताया कि शनिवार को वह एक तंबू में स्तब्ध बैठी थीं, चारों ओर रोती हुई महिलाएं थीं और हवा में विस्फोटों की आवाजें गूंज रही थीं।
जिंदा बचा एकमात्र बेटा – एडम
डॉ. अला का इकलौता जिंदा बेटा एडम अब अस्पताल(Hospital) में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है। उसका एक हाथ कट चुका है और शरीर बुरी तरह जल चुका है।
“कब्र में दफनाए बिना नहीं पहचान सका बच्चों को”
देवर अली ने कहा कि बच्चों के शवों को उन्होंने मलबे से नंगे हाथों से निकाला। उन्होंने कहा, “जब भाई होश में आएंगे तो क्या बताऊंगा? मैंने उनके बच्चों को दो कब्रों में दफना दिया है।”
इजरायली सेना की प्रतिक्रिया
इजरायली सेना ने इस आक्रमणों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने “संदिग्ध तत्वों को निशाना बनाया” और नागरिक मौतों की छानबीन की जा रही है।
“गाजा में अब कोई सुरक्षित जगह नहीं बची”
डॉ. अला के कुटुंब का कहना है कि गाजा में अब मृत्यु ही एकमात्र राहत लगती है। यह त्रासदी उस पीड़ा को उजागर करती है, जो युद्धों के बीच आम लोग और विशेषकर बच्चे सहन कर रहे हैं।