निविदाएं आमंत्रित करने के सरकारी आदेश जारी
हैदराबाद। तेलंगाना कोर शहरी क्षेत्र (TCUR) से होकर बहने वाली मुसी नदी और उसकी सहायक नदियों जैसी प्रमुख जल धाराओं में शहरी बाढ़ को रोकने के लिए, जीएचएमसी ने पूरे टीसीयूआर के लिए एक व्यापक तूफानी जल मास्टर प्लान तैयार करने का प्रस्ताव दिया है। नगर प्रशासन और शहरी विकास (MA&UD) आयुक्त के. इलाम्बरीथी ने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) को मास्टर प्लान तैयार करने के लिए निविदाएं आमंत्रित करने के सरकारी आदेश जारी किए।
उन्नत तकनीकों का होगा उपयोग
प्रस्तावित मास्टर प्लान का उद्देश्य टीसीयूआर से होकर बहने वाली मूसी नदी और उसकी सहायक नदियों सहित प्रमुख जलधाराओं में शहरी बाढ़ को रोकना है। यह पूरे क्षेत्र में तूफानी जल निकासी, शहरी बाढ़ और सतत जल प्रवाह प्रणालियों से संबंधित मुद्दों का समाधान करेगा। इस योजना में जीआईएस और हाइड्रोलॉजिकल मॉडलिंग जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग करके एकीकृत जल निकासी नेटवर्क की योजना, मानचित्रण और डिज़ाइन शामिल होगा। इस पहल से भारी बारिश के प्रति लचीलापन बढ़ाने, बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा और जन सुरक्षा में सुधार की उम्मीद है।

टिकाऊ जल प्रबंधन क्या है?
प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करते हुए जल का ऐसा उपयोग जिसमें वर्तमान और भविष्य दोनों पीढ़ियों की जरूरतें पूरी हो सकें। इसमें वर्षा जल संचयन, जल पुनर्चक्रण, जल संरक्षण, सिंचाई दक्षता और प्रदूषण नियंत्रण जैसे उपायों को शामिल किया जाता है जिससे पानी की बर्बादी रुके।
जल प्रबंधन से क्या तात्पर्य है?
पेयजल, सिंचाई, उद्योग और अन्य आवश्यकताओं के लिए जल संसाधनों की योजना, विकास, वितरण और संरक्षण की समग्र प्रक्रिया को कहते हैं। इसमें सतह और भूजल का उचित तरीके से उपयोग, जल की गुणवत्ता बनाए रखना और जल संकट को कम करना शामिल होता है।
जल प्रबंधन की दो विधियाँ कौन सी हैं?
एक है वर्षा जल संचयन, जिसमें बारिश के पानी को संग्रहित कर भविष्य में उपयोग किया जाता है। दूसरी विधि है ड्रिप सिंचाई प्रणाली, जो खेतों में जल की बर्बादी को कम करते हुए पौधों की जड़ों तक सीधे पानी पहुंचाती है। दोनों विधियाँ जल संरक्षण को बढ़ावा देती हैं।
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