17 को चलेगी ये स्पेशल ट्रेन
सीकर: रेगिस्तान के भक्तों के लिए इस बार रेलवे ने एक जबरदस्त तोहफा दिया है। अगर अब बाड़मेर और जोधपुर के खाटूश्याम (Khatushyam) प्रेमी ट्रेन से दर्शन करने के इच्छुक है तो उन्हें दर्शन के लिए लंबी सड़क यात्रा से छुटकारा मिलेगा। उत्तर पश्चिम रेलवे ने बाड़मेर-जम्मूतवी स्पेशल ट्रेन (special train) का ऐलान किया है, जो न केवल रींगस स्टेशन पर रुकेगी (जहां से खाटूश्याम मंदिर महज 17 किलोमीटर दूर है) बल्कि देश के सबसे बड़े तीर्थस्थल वैष्णो देवी के दर्शन का रास्ता भी आसान करेगी।
जानिए ट्रेन का पूरा शेड्यूल
रेलवे सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण ने बताया कि गाड़ी संख्या 04818 बाड़मेर-जम्मूतवी एकतरफा स्पेशल रेलसेवा 17 सितंबर (बुधवार) को दोपहर 12:30 बजे बाड़मेर से रवाना होगी। ट्रेन उसी रात 10:58 बजे रींगस स्टेशन पहुंचेगी। यहां 3 मिनट का ठहराव देकर 11:01 बजे जम्मू की ओर रवाना होगी और 18 सितंबर (गुरुवार) दोपहर 3:30 बजे जम्मूतवी पहुंचेगी।
इन स्थानों पर होगा ठहराव
Khatushyam इस खास ट्रेन का सीकर जिले के रींगस के अलावा श्रीमाधोपुर, कांवट, नीमकाथाना और डाबला पर भी ठहराव रहेगा। वहीं रास्ते में बायतू, बालोतरा, समदड़ी, लूनी, जोधपुर, गोटन, मेडता रोड, डेगाना, मकराना, कुचामन सिटी, नावां सिटी, फुलेरा, रेनवाल, नारनौल, रेवाड़ी, रोहतक, जींद, लुधियाना, जालंधर सिटी, पठानकोट कैंट समेत कई बड़े स्टेशनों पर भी यात्री सवार हो सकेंगे।
23 डिब्बों की होगी लंबी रचना
भक्तों की भीड़ को देखते हुए रेलवे ने ट्रेन को सुपरफास्ट श्रेणी की सुविधाओं से लैस किया है। इसमें 2 फर्स्ट मय सेकंड एसी, 2 सेकंड एसी, 4 थर्ड एसी, 8 स्लीपर, 5 जनरल और 2 गार्ड डिब्बे शामिल होंगे। यानी कुल 23 डिब्बों वाली यह ट्रेन रेगिस्तान से लेकर हिमालय की वादियों तक भक्तों को ले जाएगी।
रींगस से खाटूश्याम तक सिर्फ 17 किमी
रींगस स्टेशन से बाहर निकलते ही प्राइवेट टैक्सी और बसों की सुविधा उपलब्ध रहेगी। महज 17 किलोमीटर का सफर कर भक्त बाबा श्याम के दरबार पहुंच जाएंगे। वहीं, यही ट्रेन वैष्णो देवी माता के दर्शन का भी सीधा साधन बनेगी, क्योंकि यह पठानकोट और जालंधर होते हुए जम्मू तक जाएगी।
रेलवे ने बताया कि खाटूश्यामजी के मासिक मेले और त्योहारी सीजन में बढ़ते यात्री दबाव को देखते हुए यह ट्रेन एक दिन के लिए चलाई जा रही है। उम्मीद है कि भक्तों की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिलने पर आगे भी ऐसे कदम उठाए जाएंगे।
तो खाटूश्याम Khatushyam के जयकारों से लेकर “जय माता दी” की गूंज तक—एक ट्रेन में दो तीर्थों का मज़ा, वह भी सीधे रेगिस्तान से! भक्तों, टिकट बुकिंग में देर न करें, बाबा के दरबार का बुलावा सीधे पटरियों पर उतर आया है।
भारत की सबसे स्पेशल ट्रेन कौन सी है?
देश की सबसे तेज़ सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस है. भारतीय रेलवे रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ ट्रेनों की स्पीड पर भी विशेष फोकस कर रहा है, जिससे देश में ट्रेनों की औसत गति में इजाफा हुआ है. वंदे भारत एक्सप्रेस की गति की बात करें तो यह सेमी-हाई-स्पीड ने देश में ट्रेनों की औसत गति को बढ़ाया है।
स्पेशल ट्रेन का क्या मतलब होता है?
स्पेशल ट्रेन में यात्रा करनी हो तो आप उसमें कम दूरी की यात्रा नहीं कर सकते हैं। यदि आप कम दूरी की यात्रा करते हैं तो आपको मिनिमम डिस्टेंस का किराया तो वसूला ही जाएगा। स्पेशल ट्रेन में आपको जनरल या सेंकेंड क्लास में कम से कम 100 की दूरी की यात्रा करनी होगी। स्लीपर क्लास के लिए यह दूरी 500 किलोमीटर की होगी।
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