मौद्रिक साल 2024-25 की चौथी त्रिमासिक में देश की अर्थनीति ने अद्वितीय प्रदर्शन किया, जिसके चलते मार्च में जीएसटी जमाव में 9.9% की उन्नति दर्ज की गई और यह 1.96 लाख करोड़ संपत्ति तक पहुंच गया है. 1 अप्रैल से नया मौद्रिक साल शुरू होने के साथ ही यह एक अच्छी खबर आई है.सरकारी आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय जीएसटी (CGST) कलेक्शन 38,100 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (SGST) 49,900 करोड़ रुपये और एकीकृत जीएसटी (IGST) 95,900 करोड़ रुपये रहा. इस प्रकार कुल ग्रॉस जीएसटी रेवेन्यू 12,300 करोड़ रुपये हो गया.
केपीएमजी के पार्टनर और प्रमुख (अप्रत्यक्ष कर) अभिषेक जैन ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा, “पिछले बरस की तुलना में जीएसटी कलेक्शन में लगभग 10% की बढ़ोतरी आर्थिक दृढ़ता का संकेत है और यह दर्शाता है कि उद्योग ने टैक्स का सही तरीके से अदायगी किया है. हम अगले तिमाही में और उन्नति की उम्मीद कर सकते हैं.”
मार्च महीने में नेट जीएसटी जमाव 1.76 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले बरस के मुकाबले 7.3% की उन्नति को दर्शाता है. वित्त साल 2025 के लिए ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन 22.08 लाख करोड़ संपत्ति रहा, जो 9.4% की उन्नति को दर्शाता है. रिफंड एडजस्टमेंट के बाद, नेट जीएसटी कलेक्शन 19.56 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा, जो 8.6% की उन्नति दिखाता है.
फरवरी में जीएसटी कलेक्शन में 9.1% की उन्नति हुई थी, जो घरेलू राजस्व स्रोतों में बढ़ोतरी के कारण 1.83 लाख करोड़ संपत्ति तक पहुंच गया. वहीं, जनवरी में जीएसटी कलेक्शन 1.96 लाख करोड़ संपत्ति रहा, जो पिछले साल के मुकाबले 12.3% की उन्नति को दर्शाता है.