जीएसटी (GST) दर में बदलाव के बाद कई कई सेक्टर में कमाई के दरवाजे तो खुले हैं। जैसे टीवी फ्रिज (TV FRIDGE) से लेकर छोटी कारे तक सस्ती हो रही है। खानपान की चीजों को काफी सस्ता किया गया है, इसको लेकर स्थानीय उद्योगों में काफी ऊर्जा भी आई है। लेकिन जो ऑनलाइन फ़ूड ऐप के माध्यम से खाने पीने का सामान मंगाते थे उनके लिए एक बुरी खबर है.
जीएसटी में हुई रिफॉर्म का ऑनलाइन फ़ूड डिलीवरी एप्स पर क्या असर होगा और कैसे आपके लिए ये महंगा साबित हो सकता है?
डिलीवरी ऐप सर्विस पर लगा GST
कुछ समय पहले डिलीवरी एप्स अपने प्लेटफार्म पर फीस बढ़ाती थी जिससे उन लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था जो प्रतिदिन फूड डिलीवरी एप के माध्यम से खाने पीने की चीज मंगाते थे।
फूड डिलीवरी एप्स से सरकार अब GST वसूल करेगी अगर कंपनियों ने यह भार लोगों को डाला तो आने वाला खाना और महंगा हो सकता है। और इसका सीधा असर लोगों की जेब पर होगा.
डिलेवरी फ़ीस 18%
बता दे कि जीएसटी काउंसिल की तरफ से लोकल ई-कॉमर्स डिलीवरी सर्विस को सीजीएसटी एक्ट की धारा 9(5) के तहत लाया गया है। यह धारा सेवाओं की आपूर्ति पर टैक्स लगाने से संबंधित है। ECO यानी इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स ऑपरेटर आउटपुट टैक्स का भुगतान करेगा यानी अब डिलीवरी फीस पर 18% जीएसटी लगेगा.
इसके पहले फूड डिलीवरी एप्स पर डिलीवरी चार्ज पर जीएसटी नहीं लगता था जिससे लोगों को मिलने वाला खाना फूड मेकिंग कंपनी औऱ डिलीवरी कंपनी की लागत मूल्य के साथ अपने खर्चे निकालने के बाद उसका रेट तय करती थी लेकिन अब डिलीवरी एप पर जिस तरीके से टैक्स का भार पड़ा है इससे आने वाला भोजन महंगा भी होगा। क्योंकि कोई भी कंपनी अपने ऊपर अतिरिक्त भार नहीं लेगी और इसका वसूल जनता से सीधे करेगी या फिर अपने लाभ से देगी? यह देखने वाली बात होगी.
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