नई दिल्ली/सिंगापुर, 4 सितंबर 2025: भारत और सिंगापुर ने अपनी द्विपक्षीय साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हुए कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिंगापुर यात्रा के दौरान दोनों देशों ने अपनी रणनीतिक साझेदारी को ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ (Comprehensive Strategic Partnership) के स्तर पर उन्नत किया। इस दौरान चार महत्वपूर्ण समझौता पत्रों (MoUs) पर हस्ताक्षर हुए, जो सेमीकंडक्टर, डिजिटल प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, और स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि ये समझौते भारत की आर्थिक तरक्की की रफ्तार को और तेज करेंगे।
1. सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम साझेदारी: यह समझौता भारत के बढ़ते सेमीकंडक्टर उद्योग को समर्थन देगा, जिसमें सिंगापुर की कंपनियों को भारत में आपूर्ति श्रृंखला में शामिल करने पर जोर है। दोनों देश नीति आदान-प्रदान, आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन, और कार्यबल विकास पर सहयोग करेंगे।
2. डिजिटल प्रौद्योगिकी सहयोग: यह MoU दोनों देशों की डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं के बीच अंतरसंचालनीयता बढ़ाएगा, जिसमें डेटा प्रवाह, साइबर सुरक्षा, और डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं। भारत और सिंगापुर के बीच UPI भुगतान प्रणाली पहले ही एक मील का पत्थर साबित हो चुकी है।
3. कौशल विकास और शिक्षा: यह समझौता तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा, शिक्षक प्रशिक्षण, और छात्र इंटर्नशिप को बढ़ावा देगा। भारत और सिंगापुर ने पहले ही छह स्थानों (हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, असम, ओडिशा, तेलंगाना) पर कौशल विकास केंद्र स्थापित किए हैं, और दो और (मध्य प्रदेश, गुजरात) प्रगति पर हैं।
4. स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान: यह MoU रोग निगरानी, महामारी की तैयारियों, और संचारी रोगों की रोकथाम में सहयोग को मजबूत करेगा।
पीएम मोदी का बयान
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमने तय किया है एआई समेत अन्य डिजिटल सेक्टर में सहयोग को और बढ़ाया जाएगा. हमने निर्णय लिया है कि हमारे युवाओं के टैलेंट को बढ़ावा देने के लिए इंडिया सिंगापुर हैकथॉन का आयोजन किया जाएगा. आज ग्रीन और डिजिटल शिपिंग के क्षेत्र में हुए समझौते से डिजिटल पोर्ट क्लीयरेंस को बल मिलेगा. भारत अपने पोर्ट के विकास के लिए तेजी से काम कर रहा है. हमने आज सिंगापुर की कंपनी द्वारा विकसित भारत-मुंबई कंटेनर टर्मिनल के फेज टू का उद्घाटन किया है.
पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद को लेकर हमारी चिंताएं एक समान है. हम मानते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ एक साथ लड़ना समय की मांग है. आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई के लिए मैं सिंगापुर सरकार का अभार व्यक्त करता हूं. हमारा रिश्ता डिप्लोमेसी से भी आगे का है.
– सांस्कृतिक सहयोग: पीएम मोदी ने सिंगापुर में भारत का पहला थिरुवल्लुवर सांस्कृतिक केंद्र खोलने की घोषणा की, जो तमिल संत थिरुवल्लुवर के थिरुक्कुरल के विचारों को बढ़ावा देगा।
–रक्षा और अंतरिक्ष सहयोग: दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग 2003 के रक्षा सहयोग समझौते और 2015 के उन्नत समझौते के तहत मजबूत है। ISRO ने सिंगापुर के 17 उपग्रह लॉन्च किए हैं, और दोनों देश अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ा रहे हैं।
– आर्थिक संबंध: सिंगापुर भारत का ASEAN में सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और विश्व स्तर पर छठा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2023 में सिंगापुर भारत में सबसे बड़ा FDI स्रोत था, जिसका कुल निवेश 2000 से अब तक 160 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने कहा, “ये समझौते भारत की एक्ट ईस्ट नीति को मजबूत करेंगे और क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान देंगे।” सिंगापुर के उपप्रधानमंत्री गान किम योंग ने कहा, “यह साझेदारी वैश्विक सेमीकंडक्टर मांग को पूरा करने और आपूर्ति श्रृंखला की लचीलापन बढ़ाने में मदद करेगी।”