Afghanistan Earthquake: भूकंप से कांप गई अफगानिस्तान की धरती, महसूस किए गए तेज झटके
काबुल: Afghanistan एक बार फिर से प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया है। शुक्रवार की देर रात राजधानी काबुल समेत कई इलाकों में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता इतनी अधिक थी कि लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
हालांकि अब तक किसी जानमाल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य के लिए टीमें तैनात कर दी हैं।
कहां-कहां महसूस किए गए झटके?
भूकंप के झटके राजधानी काबुल, जलगजन, हेरात, और मजार-ए-शरीफ समेत कई इलाकों में महसूस किए गए। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीमावर्ती क्षेत्रों में भी कंपन महसूस किया गया, जिससे पाकिस्तान और ताजिकिस्तान के कुछ हिस्सों में भी हल्का असर देखा गया।

रिक्टर स्केल पर कितनी थी तीव्रता?
- तीव्रता: 6.3
- गहराई: 10 किलोमीटर
- केंद्रबिंदु: Afghanistan के उत्तर-पूर्वी हिस्से में हिंदू कुश पर्वतीय क्षेत्र
- समय: रात 10:47 बजे (स्थानीय समय)
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) और अफगान भूवैज्ञानिक विभाग ने इसकी पुष्टि की है।
लोग दहशत में
भूकंप के बाद कई लोग सोशल मीडिया पर वीडियो और तस्वीरें साझा कर रहे हैं, जिनमें घरों की दीवारें हिलती नजर आ रही हैं और लोग खुले मैदानों में शरण लेते दिख रहे हैं।
एक चश्मदीद ने कहा:
“हम खाना खा रहे थे तभी ज़ोरदार झटका महसूस हुआ, घर की दीवारें हिलने लगीं और हम सब तुरंत बाहर भागे।”
प्रशासन और राहत व्यवस्था
Afghanistan की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में इमरजेंसी अलर्ट जारी किया है। अस्पतालों को तैयार रहने के आदेश दिए गए हैं और किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया की योजना बनाई गई है।
तालिबान सरकार के प्रवक्ता ने भी लोगों से संयम बनाए रखने और अफवाहों से बचने की अपील की है।
क्यों बार-बार आता है Afghanistan में भूकंप?
Afghanistan टेक्टोनिक प्लेट्स के टकराव क्षेत्र में स्थित है, खासकर हिंदू कुश क्षेत्र। यह इलाका ऐतिहासिक रूप से भूकंपीय गतिविधियों के लिए जाना जाता है। यहां जमीन के नीचे भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के बीच लगातार खिंचाव बना रहता है।
इस वजह से यहां अक्सर मध्यम से लेकर तेज़ तीव्रता तक के भूकंप आते रहते हैं।
पिछली बड़ी घटनाएं
- 2023 में हेरात प्रांत में आए भूकंप में 1,000 से अधिक लोगों की जान गई थी।
- 2015 का भूकंप, जिसमें Afghanistan, पाकिस्तान और भारत प्रभावित हुए थे।
- इससे पहले 2002 में भी काबुल के पास बड़ा भूकंप आया था, जिसमें कई गांव तबाह हो गए थे।

सतर्कता बरतने की अपील
प्रशासन की ओर से निम्नलिखित सुझाव जारी किए गए हैं:
- क्षतिग्रस्त इमारतों से दूर रहें
- सोशल मीडिया पर अफवाहों से बचें
- आवश्यक दवाइयां और जरूरी सामान तैयार रखें
- रेडियो और आधिकारिक स्रोतों से अपडेट लेते रहें
Afghanistan में आया यह भूकंप एक बार फिर यह याद दिलाता है कि प्राकृतिक आपदाएं कभी भी और कहीं भी आ सकती हैं। भले ही अब तक जानमाल का बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन देश की जर्जर इमारतें और अविकसित आपदा प्रबंधन इसे और खतरनाक बना देते हैं।
अब समय है कि Afghanistan जैसे देश आपदा प्रबंधन ढांचे को और मजबूत करें, ताकि भविष्य में जानें बचाई जा सकें और नुकसान कम किया जा सके।