BSF jawan Purnam Shahu की वापसी पर भावुक हुआ परिवार
BSF jawan Purnam Shahu की सकुशल घर वापसी के बाद पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। दो सप्ताह तक तनाव और असमंजस में डूबे उनके परिवार ने जब उन्हें अपने सामने खड़ा देखा, तो भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा।
परिजनों ने कहा कि केंद्र सरकार और बीएसएफ की मुस्तैदी के कारण आज वे अपने बेटे को गले लगा पा रहे हैं। “दो हफ्ते से नींद नहीं आई थी, अब सुकून है,” पिता ने बताया।
परिवार की आंखों में था आंसुओं से भरा सुकून
पूर्णम शाहू की मां ने बताया कि हर दिन भगवान से बस यही प्रार्थना करती थीं कि उनका बेटा सही-सलामत लौट आए। और जब वो लौटा, तो पूरा गांव उनके स्वागत के लिए उमड़ पड़ा।
रातों की नींदें उड़ चुकी थीं, लेकिन जैसे ही खबर आई कि BSF jawan Purnam Shahu भारत लौट चुके हैं, पूरे गांव ने राहत की सांस ली।
गांव के सरपंच से लेकर स्कूल के बच्चों तक ने जवान के प्रति सम्मान व्यक्त किया।

कैसे हुआ BSF jawan Purnam Shahu का रेस्क्यू?
बताया जा रहा है कि सीमा क्षेत्र में गश्त के दौरान वे गलती से उस पार पहुंच गए थे,
जहां उन्हें कुछ समय के लिए रोका गया था।
सरकार के प्रयासों और बीएसएफ की तत्परता से उनकी सुरक्षित वापसी संभव हो पाई।
यह भारत की कूटनीतिक शक्ति और जवानों के प्रति प्रतिबद्धता का उदाहरण है।
बीएसएफ जवान पूर्णम शाहू की वापसी यह दर्शाती है कि भारत अपने हर सैनिक की सुरक्षा के लिए हर स्तर पर प्रयास करता है।

गांव में मनाया गया उत्सव जैसा माहौल
- पूर्णम शाहू के स्वागत में गांव में ढोल-नगाड़े बजाए गए।
- स्थानीय मंदिरों में प्रसाद बांटा गया।
- स्कूलों में स्पेशल असेंबली आयोजित कर बच्चों को देशभक्ति का संदेश दिया गया।
गांव के लोगों ने भारत माता की जय के नारे लगाते हुए जवान का अभिनंदन किया।
सभी ने गर्व के साथ कहा कि “पूर्णम शाहू हमारे गांव के नहीं, पूरे देश के बेटे हैं।”
बीएसएफ जवान पूर्णम शाहू की सकुशल वापसी ने पूरे देश में उम्मीद की एक नई किरण जलाई है।
ऐसे पल हमें यह एहसास दिलाते हैं कि देश की सुरक्षा करने वाले,
जवानों के लिए हर भारतीय के दिल में सम्मान और आभार है।