Syria बना इजरायल का अगला निशाना, IDF ने राष्ट्रपति भवन पर हमला
पश्चिम एशिया में तनाव चरम पर है। इजरायल ने Syria को अपना अगला निशाना बनाते हुए वहां के राष्ट्रपति भवन पर हमला किया है। इस कार्रवाई से क्षेत्र में भू-राजनीतिक हालात और जटिल हो गए हैं।
Syria: हमला क्यों हुआ?
इजरायली डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने दावा किया कि सीरिया से इजरायल पर रॉकेट दागे जा रहे थे। इस हमले के पीछे कुछ अहम कारण बताए जा रहे हैं:
- सीरिया में ईरान समर्थित मिलिशिया की गतिविधियां
- इजरायल की सुरक्षा को खतरा
- हालिया संघर्ष में सीरिया का बढ़ता दखल
एक अधिकारी ने बताया कि यह हमला आत्मरक्षा में किया गया। हालांकि, Syria ने इसे अपनी संप्रभुता पर हमला बताया है।

सीरिया राष्ट्रपति भवन पर हमला कैसे हुआ?
इजरायली एयरफोर्स ने बीती रात दमिश्क के राष्ट्रपति भवन को निशाना बनाया। इस हमले की खास बातें:
- मिसाइल से सटीक हमला
- भवन को आंशिक नुकसान
- सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई गई
स्थानीय मीडिया के अनुसार, सीरिया के राष्ट्रपति सुरक्षित हैं। लेकिन आसपास के इलाके में दहशत का माहौल है।
Syria: अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
इस हमले के बाद कई देशों ने चिंता जताई:
- संयुक्त राष्ट्र ने Syria और इजरायल से संयम बरतने की अपील की।
- रूस ने इजरायल के कदम की आलोचना की।
- अमेरिका ने इजरायल के “रक्षा अधिकार” का समर्थन किया।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह हमला पश्चिम एशिया में एक नई जंग की भूमिका तैयार कर सकता है।
सीरिया भविष्य की रणनीति
अब सवाल यह उठता है कि सीरिया इस हमले का जवाब कैसे देगा। संभावित विकल्प:
- राजनयिक दबाव बनाना
- सैन्य प्रतिक्रिया देना
- अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मुद्दा उठाना
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि सीरिया की कमजोर आर्थिक और सैन्य हालत के कारण उसका जवाब सीमित रह सकता है।

सीरिया इलाके में असर
इस हमले का असर केवल सीरिया तक सीमित नहीं रहेगा:
- लेबनान और फिलिस्तीन में इजरायल विरोधी भावनाएं तेज़
- ईरान का हस्तक्षेप बढ़ सकता है
- पश्चिम एशिया में अस्थिरता का नया दौर शुरू
एक बार फिर सीरिया जियोपॉलिटिक्स का केंद्र बन गया है।
इजरायल का Syria पर हमला पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव का संकेत है। आने वाले दिनों में यह संघर्ष किस दिशा में जाएगा, यह देखना दिलचस्प होगा। फिलहाल, राष्ट्रपति भवन पर हुआ हमला दोनों देशों के रिश्तों में नई खाई पैदा कर चुका है।