- 20 महिला डांसरों को
- और 56 पुरुषों को हिरासत में लिया गया।
यह पार्टी बिना अनुमति के आयोजित की गई थी और इसमें गैरकानूनी गतिविधियों की आशंका जताई जा रही है। पुलिस अब आयोजनकर्ता और रिसॉर्ट प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
हैदराबाद: रचकोंडा एसओटी ने (Hyderabad) मंगलवार रात महेश्वरम स्थित एक रिसॉर्ट में छापा मारकर एक मुजरा पार्टी का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने ‘दिवाली मिलन समारोह’ के दौरान 20 महिला नर्तकियों और 56 पुरुषों को पकड़ा है।
क्या है पूरा मामला?
हैदराबाद सूचना के आधार पर, एसओटी टीम ने महेश्वरम स्थित केसीआर (Resorts and Conventions) रिसॉर्ट्स एंड कन्वेंशन पर छापा मारा। बीज कंपनियों के दो व्यापारियों ने डीलरों के लिए दिवाली पार्टी का आयोजन किया था और 56 लोगों को आमंत्रित किया था।
आयोजकों ने शराब की अनुमति प्राप्त कर ली और रिसॉर्ट बुक कर लिया। एक दलाल ने इस कार्यक्रम के लिए दो तेलुगू राज्यों की 20 नृत्य कलाकारों की व्यवस्था की थी। पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शराब के दो कार्टन ज़ब्त किए गए। रिसॉर्ट में कोई नशीला पदार्थ नहीं मिला। रिसॉर्ट मैनेजर और कार्यक्रम का आयोजन करने वाले व्यापारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
क्या मुजरा पार्टी करना अवैध है?
मुजरा पार्टी करना सामान्यतः अवैध माना जाता है, खासकर जब यह अश्लील या अर्ध-नग्न नृत्य, नशीले पदार्थों, शराब या यौन शोषण से जुड़ा हो। पारंपरिक मुजरा एक सांस्कृतिक नृत्य रूप है (मुगल काल से प्रचलित, कथक और ठुमरी पर आधारित), जो वैध हो सकता है, लेकिन आधुनिक संदर्भ में “मुजरा पार्टी” अक्सर अश्लील प्रदर्शनों को संदर्भित करती है, जो कानूनन प्रतिबंधित हैं। इसके लिए पुलिस कार्रवाई हो सकतीहै और जेल भी जाना पड़ सकता है।
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पहले भी कई ऐसे मामले देखे गए हैं, जब पुलिस अक्सर फार्महाउस, रिसॉर्ट्स या निजी पार्टियों पर छापा मारती है। इस दौरान महिलाओं को रेस्क्यू होम भेजा जाता है, जबकि आयोजकों और प्रतिभागियों को गिरफ्तार किया जाता है।
हैदराबाद पुलिस पहले भी आयोजकों को चेतावनी देती रही है कि ऐसी गतिविधियों के लिए जगह उपलब्ध कराना अपराध है। लेकिन फिर भी आयोजक इस चेतावनी को लेकर गंभीर नजर नहीं आते और ऐसे मामले अक्सर सामने आते हैं।
मुजरा पार्टी क्या है?
मुजरा एक नृत्य प्रदर्शन है जो भारत में मुगल शासन के दौरान उभरा , जहां अभिजात वर्ग और स्थानीय शासक जैसे नवाब (अक्सर मुगल सम्राट के दरबार से जुड़े) मनोरंजन के लिए तवायफों (वेश्याओं) को बुलाते थे। तवायफ माह लका बाई दरबार में नृत्य करती हैं।
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