देश में पहली राज्य बिहार बना है जहां मोबाइल फोन के जरिए इ-वोटिंग की सुविधा दी जा रही है. बिहार से इस ऑनलाइन वोटिंग की शुरुआत होने वाली है. किस तरह के वोटरों को ये सुविधा मिलेगी और कैसे इ-वोटिंग करेंगे
भारत में पहली बार स्मार्टफोन के जरिए मतदान करने की सुविधा मिलने जा रही है. बिहार इ-वोटिंग करने वाला पहला राज्य होगा. अबतक किसी दूसरे राज्य में इसकी शुरुआत नहीं हुई है. बिहार में राज्य निर्वाचन आयोग ने यह बड़ा फैसला लिया है. इसका इस्तेमाल कौन मतदाता कर सकेंगे, इसकी जानकारी भी दी गयी है.
इन वोटरों को मिलेगी सुविधा…
बिहार में नगर पालिका उपचुनाव के दौरान इ-वोटिंग की शुरुआत की जाएगी. राज्य निर्वाचन आयोग ने साफ किया है कि अब गर्भवती महिलाएं, 80 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग, दिव्यांग, असाध्य रोगों से ग्रसित मरीज और प्रवासी बिहारी जो कामकाज के लिए बिहार से बाहर हैं वो इ-वोटिंग के जरिए मतदान कर सकते हैं. अपने स्मार्टफोन से ही घर बैठे वो वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा ले सकेंगे.
मोबाइल फोन से ही वोट डालने की सुविधा
ऐसे मतदाता अब अपने मोबाइल फोन से ही वोट डाल सकेंगे. लेकिन यह भी जरूरी है कि उनके पास 5जी(5G) या उससे ऊपर का एंड्रॉयड स्मार्टफोन हो. वोट डालने के लिए एक विशेष ऐप की मदद लेनी होगी. इस ऐप को आप गूगल प्ले स्टोर या निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकेंगे.
वोट डालकर कंफर्म भी हो सकेंगे
वोट डालने के बाद मतदाता को डिजिटल इ-बैलेट पर अपनी पसंद की पुष्टि भी देखने को मिलेगी. यानी वोट देने के बाद जिस तरह वो वीवीपैट मशीन में अपने वोट की पुष्टि कागज देखकर करते हैं, ठीक वैसा ही कुछ यहां भी होगा.
ऐसे कर सकेंगे इ-वोटिंग…
सबसे पहले एप डाउनलोड करें. एप खोलने के बाद ‘इ-वोटिंग पंजीकरण’ पर क्लिक करें. अपना इपिक नंबर या नाम डालें, फिर ओटीपी से पुष्टि करें. इसके बाद अपनी पात्रता चुनें (जैसे दिव्यांग, गर्भवती आदि). एक मोबाइल से अधिकतम दो लोगों का पंजीकरण किया जा सकता है. जिस मोबाइल नंबर से रजिस्ट्रेशन होगा, वोटिंग भी उसी से होगी.
इ-वोटिंग की यहां होगी शुरुआत…
- आम चुनाव : नगर पंचायत मेहसी (पूर्वी चंपारण), पकड़ीदयाल (पूर्वी चंपारण), कोचस (रोहतास) और खुसरुपुर, नौबतपुर व विक्रम (पटना)
- उपचुनावः बांका, बक्सर, गया, सारण व सीवान की नगरपालिकाएं.
‘स्किप’ भी कर सकते हैं वोटर
विशेष रूप से, बक्सर नगर परिषद में उप मुख्य पार्षद और वार्ड संख्या 20 में वार्ड पार्षद के चुनाव के लिए यह प्रयोग होगा. मतदाता चाहें तो किसी पद के लिए वोट न देकर ‘स्किप’ भी कर सकते हैं लेकिन एक बार स्किप कर दिया, तो दोबारा वोट नहीं डाल पायेंगे.
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