भोपाल। आयकर विभाग की टीम ने साइस हाउस (Science House) ओर उसके सहयोगियों के भोपाल (Bhopal) सहित इंदौर और मुंबई के करीब तीन दर्जन ठिकानों पर छापे की कार्रवाई को अंजाम दिया हैं। छापे के दौरान भारी मात्रा में टैक्स चोरी के दस्तावेज जब्त किए गए हैं जिनकी जांच की जा रही है। इसके अलावा कई जगहों पर लॉकर की जानकारी भी मिली है। आयकर के छापे में इन ठिकानों से भारी मात्रा में नगदी और आभूषण मिलने की संभावना जताई जा रही है।
सूत्रों की माने तो इस कारवाई में करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी सामने आना तय माना जा रहा है। करीब तीन दर्जन ठिकानों पर की जा रही इस कार्रवाई में साइंस हाउस ही प्रमुख केंद्र है जिसके ठिकाने भोपाल के एमपीनगर समेत अन्य स्थानों पर हैं। इसके साथ ही इंदौर में भी इसके सहयोगियों के यहां छापेमारी की गई है। इन स्थानों पर लॉकर मिलने की भी जानकरी सामने आ रही है।
मेडिकल इक्विपमेंट्स और अस्पताल सर्विस देता है साइंस हाउस
साइंस हाउस के संचालक जितेंद्र तिवारी हैं साइंस हाउस गौतम नगर में सी-25 में 1994 से संचालित है। इस कम्पनी द्वारा देश भर में मेडिकल इक्विपमेंट्स की सप्लाई की जाती है। साथ ही डायग्नोस्टिक सर्विस भी दी जाती है। यहां पैथालॉजी लैब और निजी अस्पताल की भी सेवा मिलती है। यह कम्पनी साइंस हाउस मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड (SHMPL) के नाम पर संचालित है।
ये कम्पनियां हैं साइंस हाउस ग्रुप की सहयोगी
साइंस हाउस ग्रुप के संचालक जितेंद्र तिवारी ने कई अन्य नामों से भी कम्पनियां संचालित कर रखी हैं। इसमें साइंस हाउस मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड, पीओसीएल साइंस हाउस प्राइवेट लिमिटेड, रेडसेल टेक्नालॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, जीवाणुडे फाउंडेशन और बायो साइंस हेल्थ केयर शामिल हैं।
मेडिकल सर्जिकल आइटम कारोबारी राजेश गुप्ता के यहां भी कार्रवाई आयकर विभाग की यह कार्रवाई मेडिकल सर्जिकल आइटम कारोबारी राजेश गुप्ता के यहां भी हो रही है। राजेश गुप्ता के घर के बाहर बडी तादाद में सुरक्षाबल तैनात किए गए है, जबकि जांंच एजेंसी के अधिकारी भी राजेश गुप्ता के घर पर मौजूद हैं। यह छापेमारी लालघाटी में पंचवटी के 64 बी स्थित निवास पर हुई है।
राजेश गुप्ता के घर कैश गिनने पहुंचे बैंक अधिकारी
आयकर छापे की कार्यवाही के दौरान लालघाटी स्थित राजेश गुप्ता के निवास पर बड़ा कैश मिला है। हालांकि अभी यह साफ नहीं हुआ है कि नकद राशि कितनी है लेकिन आयकर अफसरों के निर्देश पर एसबीआई के अधिकारी यहां पहुंचे हैं। इसके साथ ही राजेश गुप्ता के विदेशों में भी ठिकाने होने की जानकारी मिली है।
यह था मामला
एमपी के अनूपपुर जिले में मनमानी कीमत पर दवाओं और मेडिकल उपकरणों की सप्लाई कर राज्य सरकार को करोड़ों की चपत लगाने के मामले में जितेंद्र तिवारी को गिरफ्तार किया गया था। दवाओं और उपकरणों के मामले में आर्थिक अनियमितता पाए जाने पर साइंस हाउस के डायरेक्टर जितेंद्र तिवारी और उसके भाई शैलेंद्र तिवारी के विरुद्ध लुक आउट नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद दिल्ली पहुंचते ही सीआईएसएफ ने इनकी गिरफ्तारी की थी।
पूरे परिवार को बनाया था आरोपी
दवा और मेडिकल उपकरण सप्लाईकर्ता फर्म साइंस हाउस मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड में ईओडब्ल्यू ने पूरे परिवार को आरोपी बनाया था। इसके डायरेक्टर्स में सुनैना पति शैलेंद्र तिवारी व जितेंद्र तिवारी, मेसर्स अनुसेल्स कॉरपोरेशन की प्रोप्राइटर अनुजा तिवारी पति जितेंद्र तिवारी और शैलेंद्र तिवारी पिता महेश बाबू शर्मा समेत मेसर्स सिन्को इंडिया के महेश बाबू शर्मा को ईओडब्ल्यू ने आरोपी बनाया था। सभी आरोपी एक ही परिवार के हैं पर इन्होंने अलग-अलग कंपनियां बना रखी थीं।
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