Income Tax Relief वित्त मंत्री ने खोले बड़े राज
Income Tax Relief को लेकर देशभर में उत्सुकता बनी हुई थी, और अब वित्त मंत्री ने खुद इंटरव्यू में यह बताया है कि इस फैसले के पीछे कितनी अंदरूनी जद्दोजहद थी। उन्होंने साफ किया कि अधिकारियों को मनाना आसान नहीं था, और इसके लिए उन्हें कई स्तरों पर संवाद और तर्क रखने पड़े।
आयकर राहत क्या कहा वित्त मंत्री ने?
- एक प्रतिष्ठित आर्थिक चैनल को दिए इंटरव्यू में वित्त मंत्री ने बताया, “हम चाहते थे कि मध्यम वर्ग को कुछ वास्तविक राहत मिले।”
- लेकिन वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का मानना था कि इससे सरकार के राजस्व में बड़ी गिरावट आ सकती है।
- इस असहमति को दूर करने के लिए डेटा एनालिसिस, लंबी बैठकों और वित्तीय मॉडलिंग का सहारा लिया गया।

Income Tax Relief किन वर्गों को मिला फायदा
- नई टैक्स स्लैब में बदलाव कर ₹7 लाख तक की आय पर टैक्स में पूरी छूट दी गई है।
- वरिष्ठ नागरिकों को भी स्टैंडर्ड डिडक्शन और विशेष छूट का लाभ दिया गया है।
- मध्यवर्गीय नौकरीपेशा वर्ग, जो सालों से टैक्स में राहत की मांग कर रहा था, उसे इस बार बड़ी राहत मिली है।
आयकर राहत पर अफसर क्यों थे चिंतित?
- कर अधिकारियों का तर्क था कि टैक्स छूट से सरकारी योजनाओं के लिए संसाधन कम हो सकते हैं।
- उन्होंने यह भी आशंका जताई कि अत्यधिक छूट से टैक्स बेस सिकुड़ सकता है।
- वित्त मंत्री ने बताया कि अधिकारियों को यह समझाना पड़ा कि राहत से उपभोग बढ़ेगा, जिससे GST और अन्य अप्रत्यक्ष करों से राजस्व की भरपाई हो सकेगी।

Income Tax Relief जनता और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
- आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम “मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति को बढ़ाने” की दिशा में अहम है।
- व्यापारिक संगठनों और टैक्स कंसल्टेंट्स ने भी इस फैसले का स्वागत किया है।
- जनता में इसे लेकर सकारात्मक माहौल बना है, खासकर नौकरीपेशा युवाओं में।
आयकर राहत आगे क्या?
- वित्त मंत्री ने यह भी संकेत दिए कि आने वाले बजट में और टैक्स सुधार किए जा सकते हैं।
- टैक्स फाइलिंग को आसान बनाने और डिजिटल इंटरफेस को और यूज़र फ्रेंडली बनाने की दिशा में काम चल रहा है।
- साथ ही, सरकार डायरेक्ट टैक्स कोड को फिर से सक्रिय करने पर विचार कर रही है।
Income Tax Relief को लेकर अब यह स्पष्ट हो चुका है कि यह कोई एकतरफा फैसला नहीं था, बल्कि एक जटिल और रणनीतिक प्रक्रिया के बाद आया है। वित्त मंत्री की पारदर्शिता और जनता के हित को प्राथमिकता देने की सोच इस इंटरव्यू से सामने आई है।