भारत मालदीव संबंध: भारत सरकार ने एक बार फिर अपनी पड़ोसी देशों के प्रति प्रतिबद्धता को निभाते हुए मालदीव को 50 मिलियन अमेरिका की डॉलर की बजटीय सहायता दी है। यह सहायता ट्रेजरी बिल के रूप में एक साल के लिए बढ़ाकर दी गई है। यह निर्णय मालदीव सरकार के अनुरोध पर लिया गया।
मालदीव ने जताया आभार, भारत-मालदीव संबंधों में ताकत
मालदीव के विदेश मंत्री डॉ. अब्दुल्ला खलील ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’(Twitter) पर भारत का आभार व्यक्त करते हुए कहा,
“भारत की यह वक्त पर दी गई सहायता दोनों देशों के बीच गहरी मित्रता को दर्शाती है। यह हमारे आर्थिक सुधारों और स्थिरता के प्रयासों में अहम भूमिका निभाएगी।”
उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को विशेष रूप से धन्यवाद दिया।

भारत की “पड़ोसी पहले” नीति का स्पष्ट उदाहरण
भारत द्वारा दी गई यह सहायता “नेबरहुड फर्स्ट” (Neighbourhood First) नीति के तहत आती है, जिसका लक्ष्य है क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग को प्राथमिकता देना। हिन्दुस्तानने पहले भी संकट के वक्त में श्रीलंका, भूटान और नेपाल जैसे पड़ोसियों की सहायता की है।
राष्ट्रपति मुइज्जू की भारत यात्रा के परिणाम
भारत मालदीव संबंध: गौरतलब है कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने नवंबर 2023 में भारत यात्रा की थी। उस दौरान द्विपक्षीय सहयोग को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसला लिए गए थे।
‘व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के विजन’ को अपनाया गया, जो आने वाले साल में दोनों देशों के बीच सहयोग को दिशा देगा।
बिना ब्याज के मिली सहायता, स्वैप लाइन भी बढ़ाई गई
भारत सरकार ने मालदीव को बिना ब्याज के यह ट्रेजरी बिल रोलओवर किया है। इसके साथ ही हिन्दुस्तान ने द्विपक्षीय मुद्रा स्वैप समझौते के तहत 400 मिलियन डॉलर तक का अतिरिक्त समर्थन भी प्रदान किया है।