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India Canada Relations: भारत-कनाडा रिश्तों में नई शुरुआत की कोशिश

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India Canada Relations: भारत-कनाडा रिश्तों में नई शुरुआत की कोशिश

India Canada Relations: भारत और कनाडा के बीच लंबे वक्त से चले आ रहे तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच टेलीफोन पर वार्तालाप हुई है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कनाडा की नवनियुक्त विदेश मंत्री अनिता आनंद से रविवार देर रात बात की।

यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब भारत (India) और कनाडा (Canada) दोनों ही अपने संबंधों को पटरी पर लाने की प्रयास कर रहे हैं।

मार्च 2025 में मार्क कार्नी के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह दोनों देशों के बीच सबसे महत्वपूर्ण राजनयिक संपर्क माना जा रहा है।

क्यों अहम है यह बातचीत?

India Canada Relations: विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया पर कहा कि उन्होंने अनिता आनंद से भारत-कनाडा संबंधों की संभावनाओं पर चर्चा की और उन्हें सफल कार्यकाल की शुभकामनाएं दीं।

अनिता आनंद, जिनके माता-पिता भारत से हैं, ने भी कहा कि वे दोनों देशों के आर्थिक सहयोग को गहरा करना चाहती हैं।

India Canada Relations

खालिस्तान विवाद: रिश्तों में सबसे बड़ी बाधा

कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियां भारत के लिए चिंता का प्रसंग रही हैं। 2023 में खालिस्तानी प्रचारक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा ने भारत पर साजिश का आरोप लगाया था, जिसे हिन्दुस्तान ने सिरे से खारिज कर दिया। इस मुद्दे ने दोनों देशों के संबंधों को गहराई से प्रभावित किया।

ट्रूडो सरकार के वक्त हिन्दुस्तान पर कट्टरपंथी सिख संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को अनदेखा किया गया, लेकिन अब मार्क कार्नी के आने से हिन्दुस्तान को भरोसा है कि चरमपंथी तत्वों का असर कनाडा की विदेश नीति पर कम होगा।

भारतीय छात्रों को लेकर नई संभावनाएं

कनाडा में लगभग 4.27 लाख भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच विवाद के चलते 2024 में नए भारतीय स्टूडेंट्स के एडमिशन में 40% की गिरावट दर्ज हुई। अब उम्मीद है कि कार्नी सरकार नए नियमों के तहत छात्रों और पेशेवरों के लिए अवसर बढ़ाएगी।

क्या मोदी होंगे G7 शिखर सम्मेलन में शामिल?

कनाडा तुरंत ही G7 सम्मेलन की मेजबानी करेगा। अब तक भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) हर बार इसमें भाग लेते रहे हैं, लेकिन इस बार उनके आमंत्रण को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। यदि रिश्ते सुधरते हैं, तो यह आमंत्रण भारत-कनाडा संबंधों में एक अहम संकेत हो सकता है।

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