जकार्ता में हिंसक प्रदर्शन और आगजनी
जकार्ता: इंडोनेशिया(Indonesia) की राजधानी जकार्ता समेत कई शहरों में सांसदों की तनख्वाह बढ़ाने के खिलाफ लोगों का गुस्सा हिंसक रूप ले चुका है। मकासर में प्रदर्शनकारियों ने क्षेत्रीय संसद को आग के हवाले कर दिया। हाल ही में डिलीवरी बॉय की मौत ने हालात और बिगाड़ दिए। राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो(Prabowo Subianto) ने चीन(China) की अपनी यात्रा रद्द कर दी ताकि वे देश की स्थिति पर सीधी निगरानी रख सकें।
हिंसा, मौतें और राष्ट्रपति का कदम
प्रदर्शनों के दौरान 3 लोगों की मौत और 5 लोग घायल हो चुके हैं। 200 से अधिक प्रदर्शनकारी भी घायल हुए हैं। डिलीवरी बॉय की मौत के मामले में 7 पुलिस अधिकारियों को हिरासत में लिया गया है। राष्ट्रपति प्रबोवो ने मृतक के परिवार से मुलाकात की और मामले की जांच के आदेश दिए। उन्होंने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
प्रबोवो को 3 सितंबर को चीन में आयोजित विक्ट्री डे समारोह में शामिल होना था। लेकिन देश की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्होंने यात्रा रद्द कर दी। राष्ट्रपति प्रवक्ता ने कहा कि प्रबोवो हालात को खुद संभालना चाहते हैं और चीन सरकार से इस निर्णय के लिए क्षमा मांगी है।
प्रदर्शनकारियों की मांगें और आक्रोश
लोगों का कहना है कि सरकार आउटसोर्सिंग खत्म करे, टैक्स नियमों में सुधार लाए और रोजगार कटौती पर रोक लगाए। बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी ने आम नागरिकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इसी बीच सांसदों के लिए तय किया गया 3,057 डॉलर यानी 2.69 लाख रुपए का भत्ता जकार्ता के न्यूनतम वेतन से 10 गुना ज्यादा है, जिसने आक्रोश को और बढ़ा दिया है।
डिलीवरी बॉय की मौत के बाद पुलिस पर भी गुस्सा भड़का है। लोग पुलिस विभाग के प्रमुख को हटाने और व्यापक सुधार की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस का रवैया असंवेदनशील और सख्त रहा है, जिसने स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया।
पुलिस पर गंभीर आरोप और कार्रवाई
इंडोनेशिया(Indonesia) की कानूनी सहायता संस्था YLBHI ने पुलिस की कार्रवाई को अमानवीय करार दिया है। संगठन के मुताबिक, जकार्ता में 600 से ज्यादा छात्रों को बिना आरोप हिरासत में लिया गया। इस दौरान पुलिस पर मानवाधिकार उल्लंघन और क्रूरता के आरोप लगे हैं।
कुछ प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि पुलिस ने न केवल रबर की गोलियां चलाईं बल्कि कुछ जगह असली गोला-बारूद का इस्तेमाल भी किया। इन आरोपों ने सरकार और प्रशासन की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
इंडोनेशिया में प्रदर्शन क्यों भड़के?
सांसदों की सैलरी और भत्ते बढ़ाए जाने से लोगों में गुस्सा फैल गया। साथ ही, बेरोजगारी और महंगाई ने इस नाराजगी को और गहरा कर दिया।
राष्ट्रपति प्रबोवो ने चीन यात्रा क्यों रद्द की?
देश में बिगड़ते हालात और हिंसा के चलते प्रबोवो ने चीन की यात्रा रद्द कर दी ताकि वे सीधे स्थिति की निगरानी कर सकें।
पुलिस पर क्या आरोप लगाए जा रहे हैं?
प्रदर्शनकारियों और संगठनों का आरोप है कि पुलिस ने छात्रों को बिना आरोप हिरासत में लिया, अत्यधिक बल प्रयोग किया और मानवाधिकारों का उल्लंघन किया।
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