कंगाली से उबरते पाक को महंगा पड़ा पहलगाम
पाकिस्तान पहले से ही भारी कर्ज में डूबा हुआ है. साल 2022 से दिवालिया होने की कगार पर पहुंची पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अब धीरे-धीरे पटरी पर आती दिख रही थी. इसकी वजह है एक तरफ जहां इस साल मार्च महीने में आईएमएफ ने उसे 2 बिलियन डॉलर के ऋण की मंजूरी दी थी तो वहीं पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक मुद्रास्फीति गिरकर 0.7 प्रतिशत पर आ गई थी।
चावल करीब 340 रुपये प्रति किलो जबकि चिकन का भाव 800 रुपये
ऐसे में पटरी पर आ रही पाकिस्तान की अर्थवय्वस्था के लिए जम्मू कश्मीर के पहलगाम में किया हमला आत्मघाती साबित होने वाला है. भारत ने इस आतंकी हमले के बाद सिंधु जल समझौता रद्द करने समेत कई ऐसे कदम उठाने का ऐलान किया है, जिससे उसे भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है और उसकी अर्थव्यवस्था बेपटरी हो सकती है।
पाकिस्तान हाल में आयी वर्ल्ड बैंक कि एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वित्त वर्ष में करीब एक करोड़ लोगों के सामने पाकिस्तान में भूखमरी का संकट पैदा हो जाएगा. ऐसे में पहले से ही तंगहाली से जूझ रही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के और खराब होने की जानकार आशंका व्यक्त कर रहे हैं. इसके साथ ही, पाकिस्तान की मुद्रास्फीति भी बढ़ सकती है. पाकिस्तान के केन्द्रीय बैंक को उम्मीद है कि जून 2025 को खत्त होने वाले फाइनेंशियल ईयर में देश की औसत मुद्रास्फीति 5.5 फीसदी से 7.5 फीसदी के बीच बनी रह सकती है।
340 रुपये मिल रहा चावल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में सब्जियां, फल, आटा-चावल और अन्य खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. चावल करीब 340 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है जबकि चिकन का भाव 800 रुपये पर आ गया है. ऐसे में भारत और पाकिस्तान के व्यापार ठप होने से उसकी आर्थिक स्थिति और गंभीर होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
एक तरफ जहां 22 अप्रैल को जारी आएमएफ की रिपोर्ट में पाकिस्तान की जीडीपी ग्रोथ को 3 प्रतिशत से कम कर 2.6 फीसदी का अनुमान लगाया गया है तो वहीं विश्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि खराब जलवायु परिस्थिति से चावल और मक्का जैसी वहां की प्रमुख फसलों को नुकसान हो सकता है और इससे सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे लोग प्रभावित होंगे।
भारत की तरफ से पाकिस्तान को जो चीजें निर्यात होती है उसमें रसायन, फिल-सब्जियां, दवाएं, मुर्जी पालन फीड और सूख फल है. ऐसे में व्यापार पर रोक होने से पाकिस्तान में इन चीजों की भारी कमी हो जाएगी और इसका सीधा असर वहां के लोगों के जीवन पर पड़ेगा।