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UK : नेपाल के बाद अब लंदन में गुस्सा, सड़क पर उतरे करीब डेढ लाख लोग

Anuj Kumar
Anuj Kumar
UK : नेपाल के बाद अब लंदन में गुस्सा, सड़क पर उतरे करीब डेढ लाख लोग

लंदन,। नेपाल में लाखों लोगों की भीड़ सड़क पर उतरी और सरकार को उखाड़ फेंका। कुछ इसी तरह का गुस्सा ब्रिटेन में भी देखा जा रहा है। जहां लंदन में शनिवार को एक लाख से अधिक लोग सड़कों पर उतर आए। हालिया इतिहास का यह सबसे बड़ा दक्षिणपंथी संगठनों का प्रदर्शन है। एंटी इमिग्रेशन कार्यकर्ता टॉमी रॉबिन्सन (Tommy Roninson) के नेतृत्व में करीब 1.20 लाख प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे। इस दौरान पुलिस अधिकारियों पर हमले की भी खबरें सामने आईं। यह रैली ‘यूनाइट द किंगडम मार्च (United the kingdom March) के नाम से आयोजित की गई थी।

काउंटर-प्रदर्शन में 5,000 लोग शामिल

इस रैली के जवाब में स्टैंड अप टू रेसिज्म नामक काउंटर-प्रदर्शन भी हुआ, जिसमें लगभग 5,000 लोगों ने भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने यूनियन फ्लैग और सेंट जॉर्ज क्रॉस के झंडे लहराए। कुछ ने अमेरिकी और इजरायली झंडे भी थामे हुए थे। “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन” कैप पहने कई लोग प्रधानमंत्री कियर स्टार्मर (Kiyar Starmaer) के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। कई पोस्टरों पर लिखा था – उन्हें घर भेजो।

पुलिस ने कहा– अव्यवस्था बर्दाश्त नहीं

पुलिस कमांडर क्लेयर हेन्स ने कहा, “हम इस प्रदर्शन को वैसे ही संभालेंगे जैसे किसी और प्रदर्शन को। बिना किसी पक्षपात के। लोगों को कानूनसम्मत अधिकार दिए जाएंगे, लेकिन अव्यवस्था फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती बरती जाएगी।” उन्होंने माना कि पहले भी कुछ प्रदर्शनों में एंटी-मुस्लिम नारेबाजी और भड़काऊ घटनाएं सामने आई थीं, लेकिन उन्होंने आश्वासन दिया कि लंदन की विविध समुदायों को भयभीत होकर घरों में रहने की जरूरत नहीं है।

पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प

मेट्रोपॉलिटन पुलिस को कई बार हस्तक्षेप करना पड़ा ताकि दोनों गुट आमने-सामने न आ जाएं। पुलिस ने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा घेरों को तोड़ने और प्रतिबंधित क्षेत्रों में घुसने की कोशिश की। इस दौरान कई पुलिस अधिकारी घायल हो गए। हालात काबू में लाने के लिए अतिरिक्त बल और घुड़सवार दस्ते भी तैनात किए गए।

लंदन में प्रदर्शन के अलावा कई बड़े फुटबॉल मैच और कॉन्सर्ट भी थे, जिसके चलते पुलिस ने 1,600 से अधिक अधिकारियों को तैनात किया, जिनमें 500 अन्य शहरों से बुलाए गए थे।

टॉमी रॉबिन्सन बोले– आजादी के लिए खड़े हैं

टॉमी रॉबिन्सन का असली नाम स्टीफन याक्सली-लेनन है। उन्होंने मार्च को अभिव्यक्ति की आजादी का जश्न बताया और हाल ही में मारे गए अमेरिकी दक्षिणपंथी नेता चार्ली किर्क को श्रद्धांजलि दी।
रॉबिन्सन ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा – हजारों लाखों लोग आज लंदन की सड़कों पर एकजुट होकर अपनी आजादियों के लिए खड़े हैं।

एलन मस्क भी समर्थकों की सूची में

रॉबिन्सन अपने समर्थकों के बीच खुद को पत्रकार और व्हिसलब्लोअर बताते हैं और कहते हैं कि वे सरकार की गलतियों को उजागर करते हैं। उनके समर्थकों में टेस्ला और एक्स के मालिक एलन मस्क जैसे प्रभावशाली नाम भी शामिल हैं।
हालांकि, रीफॉर्म यूके जैसी बड़ी एंटी-इमिग्रेंट पार्टी उनसे दूरी बनाए रखती है, क्योंकि रॉबिन्सन के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।

समर्थकों की मांग– देश वापस चाहिए

रैली में शामिल एक समर्थक सैंड्रा मिशेल ने कहा – हम अपना देश वापस चाहते हैं। हम अपनी आजादी और अभिव्यक्ति का अधिकार वापस चाहते हैं। अवैध प्रवासियों को रोका जाना चाहिए। हम टॉमी पर भरोसा करते हैं।

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