बाजार खोलो या ट्रम्प की शर्तें मानो
वॉशिंगटन: अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक(Howard Lutnik) ने हाल ही में एक इंटरव्यू में भारत पर सख्त टिप्पणियाँ कीं। उन्होंने कहा कि अमेरिका(American) को भारत सहित कई देशों को “दुरुस्त” करना है ताकि वे अपने बाजार खोलें और अमेरिका को नुकसान न पहुँचाएँ। लुटनिक ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर भारत अमेरिका में अपना सामान बेचना चाहता है, तो उसे ट्रम्प प्रशासन की शर्तों को मानना होगा। उनकी इन टिप्पणियों से भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में एक नया तनाव देखने को मिला है। यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब दोनों देश एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत कर रहे हैं। लुटनिक पहले भी भारत पर दबाव बना चुके हैं, उन्होंने 25% अतिरिक्त टैरिफ हटाने के लिए तीन शर्तें रखी थीं: रूस से तेल खरीदना बंद करना, BRICS से अलग होना और अमेरिका का समर्थन करना।
व्यापार समझौते पर चल रही बातचीत
लुटनिक की चेतावनी के बावजूद, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत जारी है। 22 से 24 सितंबर के बीच, भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका गया था। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी(American) ट्रेड प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीयर से मुलाकात की। दोनों पक्षों ने स्वीकार किया कि व्यापार समझौते को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए बातचीत जारी रखी जाएगी। इसका उद्देश्य एक ऐसा समझौता करना है जो दोनों देशों के लिए लाभदायक हो और द्विपक्षीय व्यापार को मजबूत करे। इससे पहले, ट्रम्प द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के बाद, 16 सितंबर को पहली बार दोनों देशों के बीच नई दिल्ली में 7 घंटे तक बातचीत हुई थी, जिसमें सकारात्मक चर्चा हुई थी।
भू-राजनीतिक समीकरणों में भारत की स्थिति
हॉवर्ड लुटनिक की टिप्पणियां सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये भू-राजनीतिक दबाव का हिस्सा भी हैं। अमेरिका(American) भारत पर अपने पारंपरिक सहयोगियों जैसे रूस और ब्रिक्स समूह से दूर रहने का दबाव बना रहा है। लुटनिक के मुताबिक, ट्रम्प प्रशासन चाहता है कि भारत अमेरिका का पूर्ण समर्थन करे। इस तरह की मांगें भारत की स्वतंत्र विदेश नीति के लिए एक चुनौती पेश करती हैं, जहाँ वह अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देता है। भारत के लिए यह एक मुश्किल स्थिति है, क्योंकि उसे एक ओर अमेरिका के साथ व्यापार संबंध बनाए रखने हैं, वहीं दूसरी ओर वह रूस के साथ अपने ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंधों को भी महत्व देता है। लुटनिक के अनुसार, भारत को “सही तरीके से रिएक्ट” करना होगा और ट्रम्प के साथ एक नया सौदा करना होगा, जो ट्रम्प की शर्तों पर आधारित होगा।
अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ हटाने के लिए कौन-सी तीन शर्तें रखी थीं?
हॉवर्ड लुटनिक ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ हटाने के लिए तीन शर्तें रखी थीं:
भारत को रूस से तेल खरीदना बंद करना होगा।
भारत को BRICS समूह से अलग होना होगा।
भारत को अमेरिका का पूर्ण समर्थन करना होगा।
ट्रम्प द्वारा 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद भारत और अमेरिका के बीच पहली बार व्यापार बातचीत कब और कहाँ हुई थी?
ट्रम्प द्वारा 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद, भारत और अमेरिका के बीच पहली बार व्यापार बातचीत 16 सितंबर को नई दिल्ली में हुई थी। यह बातचीत लगभग 7 घंटे तक चली थी।
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