International : डोनाल्ड ट्रंप को ब्रिक्स देशों ने शुरू की घेरने की तैयारी

By Anuj Kumar | Updated: August 8, 2025 • 8:02 AM

ब्राजील और भारत ब्रिक्स समूह के संस्थापक सदस्य हैं। दोनों देशों पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारी भरकम टैरिफ लगाने की घोषणा की है। अमेरिकी टैरिफ से निपटने के लिए और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत के लिए ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने पीएम मोदी को फोन किया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) को ब्रिक्स (BRICS) समूह पसंद नहीं है। दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने कई बार ब्रिक्स के खिलाफ बयान दिया। उन्होंने ब्रिक्स समूह को अमेरिका के खिलाफ खड़ा होने वाला समूह करार दिया। उनके टैरिफ वार से सबसे अधिक प्रभावित ब्रिक्स समूह के ही देश हैं। इनमें भारत, ब्राजील और चीन अहम हैं। वैश्विक मामलों के विशेषज्ञों ने यहां तक कहा कि अमेरिकी टैरिफ वार ब्रिक्स समूह को तोड़ने के लिए बनाया गया है, लेकिन अब ट्रंप की नीति का उल्टा असर देखने को मिल रहा है। अमेरिकी टैरिफ का सामना ब्रिक्स देश मिलकर करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसी कड़ी में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा (Lula Da Silwa) ने पीएम मोदी (PM Modi) को फोन किया।

क्या हुई बातचीत

दोनों नेताओं के बीच भारत-ब्राजील के बीच रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता पर बातचीत हुई। कहा जा रहा है कि रीजनल और वैश्विक मुद्दों को लेकर भी दोनों नेताओं ने विचार विमर्श किया। इससे पहले सिल्वा ने भरी सभा में कहा था कि मैं टैरिफ को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति को कॉल नहीं करूंगा। इसके बदले मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिन को फोन करना बेहतर समझूंगा। बता दें कि भारत और ब्राजील पर अमेरिका ने 50-50 फीसदी टैरिफ की घोषणा की है।

ट्रंप के टैरिफ पर मोदी ने क्या कहा

वहीं, ट्रंप के टैरिफ नीति पर पीएम मोदी ने करारा जवाब दिया। पीएम मोदी ने साफ कर दिया कि अमेरिकी कृषि उत्पादों को भारत में जगह नहीं मिलने वाली है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपने किसानों की हितों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। भारत किसानों की हितों से समझौता नहीं करेगा। हम किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हितों से समझौता नहीं करेंगे। मोदी ने कहा कि मुझे किसानों के हितों की रक्षा के लिए कीमत चुकानी पड़ेगी तो मैं इसके लिए तैयार हूं

शक्तिशाली कौन है, नाटो या ब्रिक्स?

नाटो और ब्रिक्स दो शक्तिशाली संस्थाएँ हैं जिनकी अपनी अलग-अलग विशेषताएँ हैं । नाटो, एक सैन्य गठबंधन, उन्नत तकनीक और एक महत्वपूर्ण रक्षा बजट का दावा करता है, जो इसके सदस्यों के बीच सामूहिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है। इसके विपरीत, ब्रिक्स, एक आर्थिक गठबंधन, उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच विकास और सहयोग पर ज़ोर देता है।

टॉप 5 ब्रिक्स कौन से हैं?

ब्रिक्स में शामिल देश – ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका , तथा पांच नए सदस्य – उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक अनौपचारिक समूह हैं, जो वैश्विक व्यवस्था में अपना प्रभाव बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं।

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