रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा अधिशेष
नई दिल्ली: चीन(China) ने नवंबर माह को ऐतिहासिक सफलता के साथ पूरा किया, जब पहली बार उसका सालाना ट्रेड सरप्लस 1 ट्रिलियन डॉलर यानी एक लाख करोड़ डॉलर के स्तर को पार कर गया। सरकारी आँकड़ों के अनुसार, अमेरिका से घटती मांग के बावजूद अन्य वैश्विक बाजारों में निर्यात में आई जोरदार बढ़त ने चीन को यह उपलब्धि दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस बढ़ोतरी के कारण विश्व अर्थव्यवस्था में चीन की स्थिति पहले से अधिक मजबूत होती दिखाई दे रही है।
यह ऐतिहासिक मुकाम उस समय हासिल किया गया, जब चीन(China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग(Xi Jinping) और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप(Donald Trump) के बीच ट्रेड वॉर को लेकर अस्थायी समझौता हुआ था। दोनों नेताओं ने कुछ सप्ताह पहले सीमित समय के लिए व्यापार विवाद रोकने पर सहमति जताई थी, जिससे शुल्कों और निर्यात नियंत्रणों की आक्रामक नीति में राहत मिली। परिणामस्वरूप, वैश्विक सप्लाई चेन की स्थिति में स्थिरता लौटने लगी।
अमेरिका को निर्यात में आई भारी गिरावट
नवंबर के दौरान चीन(China) से अमेरिका को निर्यात में 28.6% की तेज गिरावट दर्ज की गई, जिससे यह आंकड़ा घटकर 33.8 अरब डॉलर हो गया। फिर भी, कुल निर्यात में 5.9% की वृद्धि दर्ज हुई क्योंकि अन्य देशों से मिलने वाले ऑर्डर लगातार बढ़ते रहे। यह वृद्धि उद्योग विश्लेषकों के अनुमान से अधिक सकारात्मक मानी जा रही है।
कैपिटल इकोनॉमिक्स की जिचुन हुआंग का कहना है कि अमेरिका को निर्यात में कमजोरी की पूरी भरपाई अन्य बाजारों के ऑर्डरों से हो गई। उनका मानना है कि चीन की प्रतिस्पर्धी कीमतें और व्यापार मार्गों में विविधता निर्यात वृद्धि को आगे भी मजबूती प्रदान कर सकती हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि डिफ्लेशन ने चीन की वास्तविक प्रभावी विनिमय दर को कम कर दिया है, जिससे उसे वैश्विक स्तर पर मूल्य प्रतिस्पर्धा में लाभ मिला।
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आंतरिक मांग में कमजोरी उजागर
हालांकि निर्यात बढ़ा है, लेकिन घरेलू स्तर पर कमजोरी साफ दिखाई दी। ताज़ा डेटा के अनुसार, नवंबर में आयात सिर्फ 1.9% बढ़ा, जबकि अनुमानित वृद्धि 3% थी। यह अंतर चीनी उपभोक्ता मांग की सुस्ती की ओर संकेत करता है, जो नीति निर्माताओं के लिए चिंता का विषय बन सकता है।
पिनपॉइंट एसेट मैनेजमेंट के अध्यक्ष झीवेई झांग ने कहा कि निर्यात में यह उछाल घरेलू मांग की कमजोरी पर अस्थायी रूप से पर्दा डाल रहा है। उनके अनुसार यदि वैश्विक बाजारों में मांग स्थिर रही, तो चीन आर्थिक गति बनाए रख सकता है, लेकिन घरेलू उपभोग को मजबूत करने की आवश्यकता बनी रहेगी।
क्या चीन का ट्रेड सरप्लस भविष्य में और बढ़ सकता है?
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वैश्विक बाजारों में मांग मजबूत रहती है और प्रतिस्पर्धी मूल्य बनाए रखे जाते हैं, तो चीन आने वाले महीनों में भी उच्च अधिशेष दर्ज कर सकता है। हालांकि भू-राजनीतिक तनाव और शुल्क नीति इसके लिए चुनौती बन सकते हैं।
घरेलू मांग की कमजोरी चीन की अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित कर सकती है?
आयात में धीमापन बताता है कि उपभोग स्तर कमजोर है, जिससे उत्पादन और रोजगार पर प्रभाव पड़ सकता है। यदि घरेलू खर्च में सुधार नहीं हुआ, तो निर्यात बढ़ने के बावजूद अर्थव्यवस्था दबाव महसूस कर सकती है।
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