बीजिंग। जापानी विदेश मंत्रालय के एशियाई एवं ओशिनिया ब्यूरो के महानिदेशक मासाकी कनाई ने चीनी विदेश मंत्रालय (China Foriegn Minister) के एशियाई मामलों के महानिदेशक लियू जिनसोंग से मुलाकात की। इसका खुलासा चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग (Mao ning) ने प्रेस को किया। उन्होंने बताया कि यह बैठक बीजिंग में हुई।
ताइवान मुद्दे पर चीन की कड़ी आपत्ति
बातचीत के दौरान चीन ने ताइवान (Taiwan) को लेकर जापानी प्रधानमंत्री साने ताकाइची की हालिया टिप्पणियों पर सख्त आपत्ति जताई। माओ निंग ने कहा कि ताकाइची के बयान अंतर्राष्ट्रीय कानून और संबंधों को नियंत्रित करने वाले मानदंडों का उल्लंघन करते हैं और चीन-जापान के बीच मौजूद चार राजनीतिक दस्तावेजों की भावना के विपरीत हैं।
चीन ने जापान से बयान वापस लेने की मांग की
माओ ने कहा कि इन टिप्पणियों ने चीन-जापान संबंधों की राजनीतिक नींव को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है और इससे चीनी नागरिकों में भारी आक्रोश है। चीन ने जापान से मांग की कि वह अपने बयान वापस ले और आगे किसी प्रकार की परेशानियाँ पैदा न करे।
जापान की पुरानी नीति और ताइवान की भौगोलिक अहमियत
रिपोर्ट के अनुसार, जापान की पिछली सरकारें ताइवान मुद्दे पर खुलकर चर्चा करने से बचती रही हैं। ताइवान जापान के पश्चिमी द्वीपों से करीब 110 किलोमीटर की दूरी पर है और टोक्यो की ऊर्जा आपूर्ति के लिए जरूरी समुद्री मार्गों के पास स्थित है।
तनाव की वजह: ताकाइची का बयान
विवाद तब शुरू हुआ, जब जापानी पीएम साने ताकाइची ने 7 नवंबर को कहा था कि ताइवान पर चीन का हमला जापान के अस्तित्व के लिए खतरा हो सकता है और जापान इसका जवाब देने को मजबूर हो जाएगा।
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