वाशिंगटन । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार मामला यूरोप और काकेशस क्षेत्र से जुड़ा है। हाल ही में ट्रंप ने एक सभा में दावा किया था कि उन्होंने ‘अजरबैजान (Azarbaijan) और अल्बानिया’ के बीच लंबे समय से चल रहे युद्ध को खत्म कराया था।
ट्रंप का भू-राजनीतिक गड़बड़ी वाला दावा
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के पीएम और प्रेसीडेंट (PM or President) उनके कार्यालय में आए थे और उन्होंने बातचीत के जरिए इस विवाद को सुलझा दिया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप के इस दावे का मजाक उड़ाया जा रहा है। दरअसल अजरबैजान का संघर्ष अल्बानिया के साथ नहीं, बल्कि आर्मेनिया से है। ट्रंप की इस चूक ने न केवल राजनीतिक हलकों, बल्कि वैश्विक मीडिया में भी उन्हें आलोचना और मजाक का पात्र बना दिया है।
यूरोप में ट्रंप के इस बयान पर नेताओं ने चुटकी ली। अल्बानिया के पीएम एदी रामा ने तंज कसते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से कहा कि आपने हमें बधाई क्यों नहीं दी उस ऐतिहासिक समझौते के लिए, जो ट्रंप ने ‘अल्बानिया और अजरबैजान’ के बीच कराया है। अल्बानिया के पीएम एदी रामा की बात पर मैक्रों ने हंसते हुए अपनी गलती मानी और कहा कि उन्होंने उस पर ध्यान नहीं दिया। इस पूरे घटनाक्रम ने सोशल मीडिया पर भी खूब सुर्खियां बटोरीं।
लोगों का कहना है कि यह सिर्फ नामों की गड़बड़ी नहीं, बल्कि भूगोल और अंतरराष्ट्रीय राजनीति की गंभीर अनदेखी है। ट्रंप के इस बयान ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या ग्लोबल लीडरशिप में तथ्यों और भू-राजनीतिक जानकारी की बुनियादी समझ होना जरूरी नहीं है।
अल्बानिया और आर्मेनिया का भू-राजनीतिक परिदृश्य
बता दें अल्बानिया दक्षिण-पूर्वी यूरोप के बाल्कन प्रायद्वीप पर स्थित एक छोटा लेकिन रणनीतिक रूप से खास देश है। इसकी राजधानी तिराना है। देश का क्षेत्रफल करीब 28,700 वर्ग किलोमीटर है और इसकी सीमा मोंटेनेग्रो, कोसोवो, उत्तरी मैसेडोनिया और ग्रीस से लगती है। पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम में यह एड्रियाटिक और आयोनियन सागर से घिरा है। अल्बानिया यूरोप का हिस्सा है और इसकी कोई राजनीतिक या सैन्य प्रतिद्वंद्विता अजरबैजान से नहीं है।
आर्मेनिया जिसे ट्रंप ने गलती से ‘अर्बेनिया’ कहा, दक्षिण काकेशस क्षेत्र में स्थित एक भूमि-रुद्ध देश है। इसकी राजधानी येरेवन है। इसके पड़ोसी देश हैं जॉर्जिया, अजरबैजान, तुर्की और ईरान। अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच नागोर्नो-कराबाख क्षेत्र को लेकर कई बार युद्ध हुए हैं और हाल के वर्षों में भी यह विवाद सुर्खियों में रहा। यही कारण है कि जब ट्रंप ने ‘अल्बानिया’ कहा तो जानकार समझ गए कि वे वास्तव में ‘आर्मेनिया’ का जिक्र करना चाहते थे।
हल्के-फुल्के अंदाज में सार्वजनिक मजाक बना दिया
ट्रंप अपने कार्यकाल में कई बार विवादित बयान देने और तथ्यों को लेकर जाने जाते हैं। इस बार भी उनकी गलती पकड़ में आते ही यूरोप के नेताओं ने इसे हल्के-फुल्के अंदाज में सार्वजनिक मजाक बना दिया। विश्लेषकों का कहना है कि यह केवल नामों की गड़बड़ी नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति और भूगोल की गंभीर अनदेखी है। ट्रंप की अल्बानिया-अजरबैजान वाली गलती ने साबित कर दिया कि वैश्विक मंच पर बोलते समय तथ्यों की सटीक जानकारी होना कितना जरूरी है।
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