वाशिंगटन । अमेरिकी अप्रवासी आबादी में हालिया गिरावट ट्रंप प्रशासन (Trump administration) की नीतियों और बाइडेन प्रशासन (Biden Administration) के दौरान लागू किए गए सख्त आव्रजन उपायों का परिणाम है। 2025 की शुरुआत से ही, अमेरिका की अप्रवासी आबादी में 10 लाख से ज्यादा की कमी आई है, जो बीते 50 सालों में पहली बार हुई गिरावट है।
ट्रंप प्रशासन की सख्त नीतियां
इस कमी का मुख्य कारण ट्रंप प्रशासन द्वारा नए अप्रवासियों के प्रवेश को सीमित करने और गैर-नागरिकों को निर्वासित करने के लिए उठाए गए कार्यकारी कदम हैं। जनवरी 2025 में ट्रंप प्रशासन के सत्ता में आने के बाद, उन्होंने अपने पहले 100 दिनों में 181 कार्यकारी कदम उठाए। इन कदमों का मुख्य उद्देश्य अप्रवासन पर नियंत्रण स्थापित करना था।
सख्त नियम लागू करके नए लोगों का अमेरिका (America) में प्रवेश सीमित किया गया। बड़े पैमाने पर ऐसे अप्रवासियों को देश से बाहर निकाला गया जिनके पास कानूनी दस्तावेज नहीं थे।
बाइडेन प्रशासन के उपाय और सीमा पर प्रभाव
जून 2024 में बाइडेन प्रशासन ने भी शरण आवेदनों पर सख्त प्रतिबंध लगाए थे, जिसने सीमा पर शरण चाहने वालों की संख्या में कमी लाई। ये नीतियां विशेष रूप से अनाधिकृत अप्रवासियों को लक्षित करती थीं, और इनके कारण अप्रवासी आबादी में तेज़ गिरावट आई।
आर्थिक और जनसंख्या पर प्रभाव
अप्रवासी आबादी में कमी का अमेरिका की अर्थव्यवस्था और श्रम बाजार पर गहरा असर पड़ रहा है। सिर्फ छह महीनों में 7.5 लाख से ज़्यादा प्रवासी कामगारों की कमी हुई है, जिससे अमेरिकी श्रम बल में अप्रवासियों की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत से घटकर 19 प्रतिशत हो गई।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था लंबे समय से अप्रवासियों पर निर्भर है, खास तौर पर कृषि, निर्माण, स्वास्थ्य सेवा और तकनीकी क्षेत्रों में। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह रुझान जारी रहा तो भविष्य में देश की आर्थिक विकास दर पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। अप्रवासी आबादी में गिरावट ने अमेरिका की जनसंख्या संरचना को भी प्रभावित किया है, क्योंकि कुल जनसंख्या में उनकी हिस्सेदारी 15.8 प्रतिशत से घटकर 15.4 प्रतिशत हो गई है।
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