अंतरिक्ष अन्वेषण के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय लिखने वाले अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री जिम लवेल (Jim Lovell) का 7 अगस्त 2025 को 97 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। लेक फॉरेस्ट, इलिनोइस में उनके निधन ने नासा और अंतरिक्ष प्रेमियों को गहरे शोक में डुबो दिया। अपोलो 13 मिशन के कमांडर के रूप में विख्यात लवेल ने चार अंतरिक्ष मिशनों—जेमिनी 7, जेमिनी 12, अपोलो 8 और अपोलो 13—में हिस्सा लिया। उनकी कहानी किशोरावस्था में रॉकेट के प्रति जुनून से शुरू होकर चंद्रमा की कक्षा तक पहुंची, जो साहस, दृढ़ता और नेतृत्व का प्रतीक है।
जेम्स आर्थर लवेल जूनियर का जन्म 25 मार्च 1928 को क्लीवलैंड, ओहियो में हुआ था। मिल्वॉकी, विस्कॉन्सिन में पले-बढ़े लवेल ने किशोरावस्था में रॉकेट बनाना शुरू किया और साइंस फिक्शन किताबों से प्रेरणा ली। 1952 में यूएस नेवल एकेडमी से स्नातक होने के बाद, उन्होंने टेस्ट पायलट के रूप में 7,000 घंटे से अधिक उड़ान भरी। 1962 में नासा के दूसरे अंतरिक्ष यात्री समूह में चुने गए, जिसमें नील आर्मस्ट्रांग और बज़ एल्ड्रिन जैसे दिग्गज शामिल थे।
लवेल का पहला मिशन जेमिनी 7 (1965) था, जहां उन्होंने फ्रैंक बोरमैन के साथ 14 दिन तक पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाए। 1966 में जेमिनी 12 में बज़ एल्ड्रिन के साथ उन्होंने अंतरिक्ष में कार्य करने की तकनीकों को परिष्कृत किया। लेकिन 1968 में अपोलो 8 ने उन्हें इतिहास में अमर कर दिया, जब वह, बोरमैन और विलियम एंडर्स के साथ, चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने वाले पहले इंसान बने। इस मिशन में विलियम एंडर्स द्वारा ली गई “अर्थराइज़” तस्वीर ने दुनिया को पृथ्वी की नाजुक सुंदरता दिखाई।
अपोलो 13 (1970) लवेल का सबसे चर्चित मिशन रहा। फ्रेड हाइज़ और जैक स्विगर्ट के साथ चंद्रमा पर उतरने की योजना थी, लेकिन ऑक्सीजन टैंक विस्फोट ने मिशन को संकट में डाल दिया। लवेल की शांत और निर्णायक नेतृत्व क्षमता ने चालक दल को लूनर मॉड्यूल को “लाइफबोट” के रूप में इस्तेमाल कर सुरक्षित पृथ्वी पर लौटने में मदद की। इस मिशन को “सफल असफलता” कहा गया, जिसे 1995 की फिल्म “अपोलो 13” में टॉम हैंक्स ने अमर किया।
लवेल ने 1973 में नासा और नेवी से रिटायरमेंट लिया और बाद में टेलीकॉम कंपनी सेंटेल कॉर्प में कार्यकारी उपाध्यक्ष रहे। अपनी पत्नी मर्लिन (2023 में निधन) के साथ 71 साल तक उनकी जोड़ी प्रेरणा रही। उनके चार बच्चे हैं। नासा के कार्यवाहक प्रशासक सीन डफी ने कहा, “जिम का साहस और चरित्र हमें चंद्रमा तक ले गया और एक संभावित त्रासदी को सफलता में बदला।”
ये भी पढ़ें