एंटानानारिवो । नेपाल के बाद अब मेडागास्कर (Medagaskar) में भी विद्रोह की आग फैल गई है। जेन-जेड की बढ़ती आक्रोशपूर्ण गतिविधियों के कारण राष्ट्रपति आंद्रे राजोएलिना (André Rajoelina) को देश छोड़कर भागना पड़ा। पहले युवाओं ने आंदोलन किया और उनका गुस्सा लगातार बढ़ता रहा।
राष्ट्रपति ने पहले ही चेतावनी दी थी
रविवार को राजोएलिना ने दावा किया था कि सेना की मदद से देश में तख्तापलट की कोशिशें हो रही हैं। जेन-जेड के इस विद्रोह और सत्ता में शीर्ष पद पर बैठे अधिकारियों द्वारा पद छोड़ने का यह नवीनतम उदाहरण है। पिछले महीने नेपाल (Nepal) में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दिया था।
सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति का संबोधन
सोमवार देर रात फेसबुक पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में राजोएलिना ने कहा कि उन्हें अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर जाना होगा। उन्होंने अपने ठिकाने का खुलासा नहीं किया लेकिन कहा कि वह मेडागास्कर को बर्बाद नहीं होने देंगे। भाषण के बाद राजनयिक सूत्रों ने बताया कि राजोएलिना पद छोड़ने से इनकार कर रहे हैं।
सेना के गुट और प्रदर्शनकारियों का मिलना, देश से भागे राष्ट्रपति
संसद में विपक्ष के नेता सितेनी रैंड्रियानासोलोनियाइको ने बताया कि राष्ट्रपति रविवार को मेडागास्कर छोड़कर चले गए, जब सेना की कुछ टुकड़ियां प्रदर्शनकारियों में शामिल हो गईं। राजोएलिना का वर्तमान ठिकाना अज्ञात है। सैन्य सूत्रों के अनुसार, फ्रांसीसी सेना का विमान रविवार को सैंटे मैरी हवाई अड्डे पर उतरा और हेलीकॉप्टर के माध्यम से राजोएलिना को ले गया।
प्रदर्शन का कारण: पानी, बिजली और भ्रष्टाचार
25 सितंबर को पूर्व फ्रांसीसी उपनिवेश में पानी और बिजली की कमी को लेकर प्रदर्शन शुरू हुए थे, लेकिन जल्द ही यह भ्रष्टाचार, कुशासन और बुनियादी सेवाओं की कमी जैसी व्यापक शिकायतों के विरोध में बदल गया।
फ्रांस की भूमिका और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
फ्रांसीसी रेडियो आरएफआई ने बताया कि राजोएलिना ने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ समझौता किया। मैक्रों ने कहा कि फ्रांस ने उनके देश से भागने में मदद की रिपोर्ट की पुष्टि नहीं कर सकते, लेकिन संवैधानिक व्यवस्था को बनाए रखना आवश्यक है। फ्रांस युवाओं की शिकायतों को समझता है, लेकिन सैन्य गुटों द्वारा उनका फायदा उठाने की अनुमति नहीं दे सकता।
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