वेनेजुएला। नोबेल पुरस्कार विजेता और वेनेजुएला (Venezuela) की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो (Maria Korina Machado) अगर शांति पुरस्कार लेने नॉर्वे जाती हैं तो उन्हें ‘भगोड़ा’ करार दिए जाने का खतरा है। कोरिना मचाडो को लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए पिछले महीने नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) देने की घोषणा की गई थी।
आपराधिक मामलों के चलते विदेश यात्रा पर रोक की आशंका
वेनेजुएला में मचाडो के खिलाफ आतंकवाद से जुड़े आरोपों समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसके कारण उनके नॉर्वे जाकर व्यक्तिगत रूप से पुरस्कार लेने पर रोक लग सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 58 वर्षीय मचाडो फिलहाल देश में छिपी हुई बताई जाती हैं।
अटॉर्नी जनरल की चेतावनी: विदेश गईं तो ‘फ्यूजिटिव’ माना जाएगा
वेनेजुएला के अटॉर्नी जनरल तारेक विलियम साब ने चेतावनी दी है कि मचाडो कई गंभीर मामलों का सामना कर रही हैं और विदेश जाने पर उन्हें ‘भगोड़ा’ घोषित कर दिया जाएगा। उन पर षड्यंत्र, हिंसा भड़काने और आतंकवादी गतिविधियों के आरोप हैं।
मदुरो के खिलाफ कार्रवाई के बाद से छिपकर रह रहीं मचाडो
रिपोर्ट के मुताबिक मचाडो अगस्त 2024 से छिपी हुई हैं। मादुरो द्वारा तीसरी बार सत्ता संभालने के बाद विपक्ष पर कार्रवाई तेज हुई, जिसके चलते उनके कई सहयोगी गिरफ्तार, लापता या निर्वासन में चले गए। मचाडो ने कहा है कि वह 15 महीने से एकांतवास में हैं।
पुरस्कार वर्चुअली लेने की संभावना
विशेषज्ञों का मानना है कि सुरक्षा कारणों से मचाडो देश के भीतर रहकर ही वर्चुअली या वीडियो संदेश के माध्यम से नोबेल पुरस्कार स्वीकार कर सकती हैं। इससे वह विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व भी जारी रख सकेंगी।
अमेरिकी सैन्य उपस्थिति को समर्थन पर भी जांच
एक रिपोर्ट के अनुसार कैरिबियन इलाके में अमेरिकी सैन्य तैनाती का समर्थन करने के आरोप में भी मचाडो पर जांच चल रही है। अमेरिका ने मादक पदार्थ विरोधी अभियान के नाम पर युद्धपोत और विमानवाहक पोत भेजे हैं, जिसे मादुरो अपनी सरकार गिराने की साजिश बता रहे हैं।
अमेरिका-वेनेजुएला तनाव और मचाडो की भूमिका
वेनेजुएला 2015 से अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। ट्रंप प्रशासन द्वारा सैन्य कार्रवाई के संकेत भी दिए गए थे। मचाडो ने क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति का स्वागत किया है, जिसके चलते उन पर राजनीतिक और कानूनी दबाव और बढ़ गया है।
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