USA : तेल खरीदी के बहाने भारत से निजी खुन्नस निकाल रहे राष्ट्रपति ट्रंप

By Anuj Kumar | Updated: August 7, 2025 • 1:17 PM

वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगाकर साफ कर दिया कि वे भारत से खफा हैं। इसकी वजह केवल रुस से तेल खरीदना नहीं है। सच ये है कि भारत पाकिस्तान (India-Pakistan) के बीच हुए सीजफायर का श्रेय ट्रंप को नहीं लेने दिया, इसलिए वे तेल खरीदी के बहाने भारत पर गुस्सा निकालने का प्रयास कर रहे हैं। विल्सन सेंटर में साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के निदेशक माइकल कूगलमैन ने कहा, कि चीन ने खुलकर सामने आकर राष्ट्रपति ट्रंप को सीजफायर में उनकी भूमिका का श्रेय लेने से इनकार नहीं किया। चीन की तरफ से किसी नेता ने ट्रंप के साथ फोन पर लंबी बात नहीं की और नहीं बताया कि क्या सही है और क्या गलत।

टैरिफ लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध नजर आ रहे हैं

विल्सन सेंटर में साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के निदेशक माइकल कूगलमैन ने कहा, कि दुर्भाग्य से बीते कुछ दिनों से जारी घटनाक्रमों को देखते हुए ये नई घोषणा बिल्कुल भी हैरान करने वाली नहीं है। राष्ट्रपति भी टैरिफ लागू करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध नजर आ रहे हैं। भारत और अमेरिका के रिश्तों को संभावित हानिकारक प्रभाव के बावजूद मेरे लिए यह हैरानी की बात नहीं है कि राष्ट्रपति ने अपनी धमकी पर अमल करने का फैसला किया। उन्होंने कहा, भारत के मामले में ऐसा हुआ है। तो मुझे लगता है कि शायद यही वजह है कि राष्ट्रपति ट्रंप अपनी नाराजगी व्यापार और और शुल्क के जरिए भारत और भारत सरकार पर निकालेंगे।

वाशिंगटन ने रूस से उसके तेल आयात को निशाना बनाया है

ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की थी। हालांकि, बाद में दोनों देशों ने संघर्ष विराम का ऐलान किया था। अब ट्रंप दावा करते रहे हैं कि सीजफायर उन्होंने कराया है। जबकि, भारत ने साफ किया है कि इसमें कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं है। ट्रंप की तरफ से आदेश जारी होने के कुछ ही देर बाद, भारत ने कहा कि वाशिंगटन ने रूस से उसके तेल आयात को निशाना बनाया है और वह राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करेगा।

25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने का कार्यकारी आदेश जारी किया

विदेश मंत्रालय ने रूस के साथ भारत के ऊर्जा संबंधों का बचाव करते हुए कहा कि आयात बाजार कारकों पर आधारित है और देश के 1.4 अरब लोगों की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के समग्र उद्देश्य से किया जाता है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कई अन्य देश भी अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए ऐसी खरीद कर रहे हैं तथा इस मुद्दे पर उसे निशाना बनाए जाने पर निराशा व्यक्त की। अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखने का हवाला देते हुए भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने का कार्यकारी आदेश जारी किया

ट्रंप कितनी बार राष्ट्रपति बने थे?

अन्य उपयोगों के लिए, ट्रम्प (बहुविकल्पी) और डोनाल्ड ट्रम्प (बहुविकल्पी) देखें। डोनाल्ड जॉन ट्रम्प (जन्म 14 जून, 1946) एक अमेरिकी राजनीतिज्ञ, मीडिया व्यक्तित्व और व्यवसायी हैं जो संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति हैं। रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य, उन्होंने 2017 से 2021 तक 45वें राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।

डोनाल्ड ट्रम्प किस धर्म के हैं?

डोनाल्ड ट्रंप का पालन-पोषण उनकी स्कॉटिश मूल की मां के प्रेस्बिटेरियन धर्म में हुआ और उन्होंने अपने वयस्क जीवन के अधिकांश समय सार्वजनिक रूप से इसी धर्म को अपनाया, जिसमें 2016 का राष्ट्रपति अभियान भी शामिल है।

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