एशिया के अलग-अलग कोनों में, चाहे वह हिमालय की गोद में बसा नेपाल (Nepal) हो या फिर इंडोनेशिया (Indonesia), यहां नई पीढ़ी अपनी आवाज बुलंद कर रही है। इस पीढ़ी को जेनरेशन-जेड यानी जेन-जी के नाम से जाना जाता है।
नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन अब सरकार बदलने की वजह बन गया। दो दिनों के हिंसक प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) को इस्तीफा देना पड़ा
इंडोनेशिया में सांसदों के भत्तों पर बवाल
इंडोनेशिया में अगस्त के अंत में सांसदों को मिलने वाले भारी-भरकम आवास भत्तों ने जनता का गुस्सा भड़का दिया। जनता सड़कों पर उतरी और हालात हिंसक हो गए। बढ़ते दबाव के बीच सरकार को भत्ते वापस लेने पड़े।
युवाओं की साझा शिकायतें
नेपाल और इंडोनेशिया में हुए ये प्रदर्शन दिखाते हैं कि बेरोजगारी और आय असमानता युवाओं की बड़ी समस्या है। दोनों देशों में युवाओं की आबादी आधी से ज्यादा है।
एशिया में बड़ा पैटर्न
नेपाल और इंडोनेशिया के आंदोलन दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में एक बड़े पैटर्न का हिस्सा हैं। म्यांमार, पाकिस्तान और अन्य देशों में भी जेन-जी का गुस्सा सरकारों के लिए चुनौती बन रहा है।
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