वाशिंगटन, 19 जुलाई 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने BRICS (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) समूह को लेकर एक बार फिर आक्रामक रुख अपनाया है। 18 जुलाई 2025 को व्हाइट हाउस में एक कैबिनेट बैठक में ट्रंप ने कहा, “BRICS अगर सार्थक रूप से संगठित हुआ तो वह जल्दी खत्म हो जाएगा। मैंने छह देशों को कड़ा संदेश दिया है।
हम उनके साथ कोई खेल नहीं खेलने देंगे।” उन्होंने BRICS को “अमेरिका विरोधी” करार देते हुए 10% अतिरिक्त टैरिफ की धमकी दी, जिसे उन्होंने 6 जुलाई को ट्रुथ सोशल पर भी दोहराया था। ट्रंप का कहना है कि BRICS का मकसद अमेरिकी डॉलर की वैश्विक वर्चस्व को चुनौती देना है, जो उनके लिए अस्वीकार्य है।
क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट सिस्टम ‘BRICS Pay’ पर निशाना साधा
ट्रंप ने विशेष रूप से BRICS के क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट सिस्टम ‘BRICS Pay’ पर निशाना साधा, जो सदस्य देशों को स्थानीय मुद्राओं में व्यापार करने में सक्षम बनाता है। उनका दावा है कि यह अमेरिकी डॉलर की स्थिति को कमजोर करने की साजिश है।
उन्होंने कहा, “अगर हम डॉलर का वैश्विक मानक खो देंगे, तो यह किसी बड़ी युद्ध हारने जैसा होगा।” पहले भी ट्रंप ने BRICS देशों को 100% टैरिफ की धमकी दी थी, अगर वे डॉलर के विकल्प के रूप में नई मुद्रा लाने की कोशिश करेंगे।
ब्राजील पर ट्रंप का निशाना
इधर, ट्रंप ने ब्राजील के लिए 50% आयात शुल्क की घोषणा की है, जो अगस्त से लागू होगा. साथ ही अमेरिका ने ब्राजील के व्यापार मॉडल की औपचारिक जांच भी शुरू की है, जिसे अनुचित बताया गया है.
ट्रंप के टैरिफ नीतियों की की थी आलोचना
BRICS नेताओं ने रियो डी जनेरियो में 6-7 जुलाई को हुए 17वें शिखर सम्मेलन में ट्रंप की टैरिफ नीतियों की आलोचना की थी। ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने ट्रंप के बयान को “सम्राट जैसा” बताकर खारिज किया, जबकि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा कि BRICS किसी देश के खिलाफ नहीं है। भारत ने इस मुद्दे पर सतर्क रुख अपनाया, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत डॉलर को कमजोर करने में रुचि नहीं रखता।
ट्रंप की धमकियों से वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता बढ़ी है। उनकी नीति का उद्देश्य BRICS के विस्तार और प्रभाव को सीमित करना है, जिसमें हाल ही में मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और UAE शामिल हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि BRICS की विविधता और आंतरिक मतभेद इसे प्रभावी चुनौती बनने से रोकते हैं, लेकिन ट्रंप का रुख भारत जैसे सहयोगी देशों को असहज स्थिति में डाल रहा है।
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ब्रिक्स क्या है विस्तार से समझाइए?
ब्रिक्स: उद्देश्य और इतिहास ब्रिक्स विकासशील देशों – ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका – का एक स्वतंत्र गठबंधन है। ये देश वैश्विक आबादी के लगभग आधे और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग एक-तिहाई का प्रतिनिधित्व करते हैं और सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों पर विचार-विमर्श के लिए नियमित रूप से मिलते हैं।
ब्रिक्स में 7 देश कौन से हैं?
ब्रिक्स एक अंतर-सरकारी संगठन है जिसमें दस देश शामिल हैं – ब्राजील , रूस , भारत , चीन , दक्षिण अफ्रीका , मिस्र , इथियोपिया , इंडोनेशिया , ईरान और संयुक्त अरब अमीरात ।