Trump Nobel Peace Prize पर पाकिस्तान में मचा बवाल, संसद में लगे नारे
डोनाल्ड ट्रंप का नाम Trump Nobel Peace Prize के लिए सामने आने के बाद पाकिस्तान में बवाल मच गया है। संसद से लेकर सड़कों तक विरोध हो रहा है। कई नेताओं ने इस नामांकन को अंतरराष्ट्रीय राजनीति का मज़ाक बताया है।
क्यों भड़का पाकिस्तान?
पाकिस्तानी नेताओं और नागरिकों को ट्रंप की विदेश नीति से कई शिकायतें रही हैं।
- ट्रंप ने कार्यकाल में बार-बार पाकिस्तान को आतंकवाद से जोड़कर बयान दिए
- अमेरिका की सहायता रोक दी गई थी
- FATF जैसे अंतरराष्ट्रीय दबाव पाकिस्तान पर बढ़े
अब जब Trump Nobel Peace Prize का नाम आया है, तो वहां के राजनीतिक दल भड़क उठे हैं।

संसद में हुआ विरोध, लगे नारे
पाकिस्तानी संसद में विपक्षी दलों ने शोर मचाया। स्पीकर को कार्यवाही रोकनी पड़ी।
- ‘न्याय की हत्या है यह नामांकन’ जैसे नारे लगे
- कुछ नेताओं ने इसे इस्लाम विरोधी कदम करार दिया
- मांग की गई कि पाकिस्तान सरकार इस पर आधिकारिक बयान दे
ट्रम्प नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर यह प्रतिक्रिया अभूतपूर्व है।
सड़कों पर उतरे छात्र और धार्मिक संगठन
- लाहौर, कराची और इस्लामाबाद में प्रदर्शन
- कई जगह ट्रंप के पुतले जलाए गए
- सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ – #NoNobelForTrump
छात्र संगठनों का कहना है कि ट्रंप शांति के नहीं, संघर्ष के प्रतीक हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया क्या है?
कुछ देशों ने ट्रंप के नामांकन को जायज़ बताया है। उनका तर्क है कि उन्होंने अब्राहम समझौते में भूमिका निभाई।
वहीं पाकिस्तान और कुछ अन्य देशों का कहना है कि यह निर्णय राजनीतिक पक्षपात का प्रतीक है।
ट्रम्प नोबेल शांति पुरस्कार बना वैश्विक बहस का मुद्दा
ट्रम्प नोबेल शांति पुरस्कारTrump Nobel Peace Prize को लेकर पाकिस्तान में जो बवाल मचा है, वह सिर्फ वहां तक सीमित नहीं। यह दुनिया भर में बहस का विषय बन गया है।
पाकिस्तान का विरोध यह दिखाता है कि शांति पुरस्कार सिर्फ कूटनीतिक उपलब्धि नहीं, बल्कि भावनाओं से भी जुड़ा है।