Trump-Xi Talk: क्या दोबारा शुरू होगी टैरिफ डील अमेरिका-चीन रिश्तों में दिखी नरमी
हाल ही में Trump-Xi Talk के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बातचीत ने वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मचा दी है। इस बातचीत में दोनों नेताओं ने रुकी हुई tariff negotiations को लेकर फिर से शुरुआत करने की संभावनाओं पर चर्चा की।
क्या था बातचीत का उद्देश्य?
डोनाल्ड ट्रम्प और शी जिनपिंग की यह पहली सीधी बातचीत थी जब से ट्रम्प ने 2025 में फिर से राष्ट्रपति पद की कमान संभाली है। इस वार्ता में वैश्विक व्यापार संतुलन, आयात-निर्यात टैरिफ और US-China Relations को सामान्य बनाने पर जोर दिया गया।

टैरिफ विवाद की पृष्ठभूमि
- 2018 से शुरू हुआ था टैरिफ युद्ध
- अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर 145% तक टैरिफ लगाया
- जवाब में चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर भारी शुल्क बढ़ाया
Trump-Xi Talk में इस तनाव को कम करने की मंशा दिखाई दी।
Trump-Xi Talk में क्या सहमति बनी?
- बिलेटरल टैरिफ डील पर बातचीत फिर से शुरू होगी
- दोनों देश प्रतिनिधियों की उच्च स्तरीय बैठक करेंगे
- अस्थायी रूप से टैरिफ में कोई और वृद्धि नहीं की जाएगी
- Trump ने बातचीत को “सकारात्मक और रचनात्मक” बताया
ट्रेड डील का असर किन क्षेत्रों पर पड़ेगा?
Tariff negotiations फिर से शुरू होने से इन सेक्टरों में राहत देखने को मिल सकती है:
- टेक्नोलॉजी सेक्टर
- ऑटोमोबाइल एक्सपोर्ट
- रेयर अर्थ मेटल्स
- इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रेड
- फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री

विशेषज्ञों की राय क्या कहती है?
“अगर बातचीत सफल रही, तो वैश्विक बाजारों में स्थिरता लौटेगी और निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।”
– डॉ. अनीता अग्रवाल, अंतरराष्ट्रीय व्यापार विश्लेषक
Trump-Xi Talk को कूटनीतिक स्तर पर एक जरूरी पहल माना जा रहा है।
क्या भारत पर होगा असर?
- भारत के लिए नए व्यापार अवसर खुल सकते हैं
- अमेरिकी और चीनी कंपनियों की डाइवर्सिफिकेशन रणनीति का लाभ
- सप्लाई चेन में भारत की भूमिका बढ़ सकती है
Trump-Xi Talk ने एक बार फिर से दुनिया को उम्मीद दी है कि अमेरिका और चीन के बीच tariff negotiations में नई शुरुआत हो सकती है। अगर यह बातचीत सकारात्मक दिशा में बढ़ती है, तो इसका असर न सिर्फ दोनों देशों पर बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी गहराई से पड़ेगा।