साढ़े तीन साल में 1 लाख पहुंची, ड्रोन से लेकर मोर्चे पर तोपें संभाल रहीं
कीव। यूक्रेन(Ukraine) और रूस युद्ध के बीच यूक्रेन की सेना में महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ी है। बीते साढ़े तीन साल में सेना में महिलाओं(Ukraine army) की संख्या बढ़कर एक लाख हो गई है।
फिलहाल यूक्रेनी सेना में कुल 10 लाख सैनिक हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, युद्ध शुरू होने के बाद महिलाएं सेना में शामिल होने के लिए खुद आगे आ रही हैं।
सशस्त्र बलों की सलाहकार ओक्साना ग्रिगोरिएवा बताती हैं कि रूस के खिलाफ फिलहाल साढ़े पांच हजार महिलाएं सीधे मोर्चे पर हैं।
ये महिलाएं ड्रोन से लेकर सीधे मोर्चे पर तोपें संभाल रही हैं। इसके अलावा ये मेडिकल सपोर्ट, फ्रंटलाइन ट्रांसपोर्ट जैसी ड्यूटीज भी निभा रही हैं।
बता दें कि 2022 में रूस के आक्रमण से पहले सेना में 15% महिलाएं थीं। अब उनकी संख्या दोगुनी हो गई है। ग्रिगोरिएवा कहती हैं कि सैन्य स्कूलों और कॉलेजों में अब 20% छात्राएं हैं, जो बड़ा बदलाव है।
ब्रिगेड में पुरुषों से भी ज्यादा मजबूत महिला सैनिक अलीना
पूर्व पेशेवर हेप्टाथलीट अलीना शुख ने शुरू में प्रतिष्ठित अजोव ब्रिगेड में भर्ती होने की कोशिश की, लेकिन उन्हें बताया गया कि उनके लिए कोई पद नहीं है। इसके बाद वे खर्टिया ब्रिगेड में शामिल हुईं। शुख कहती हैं कि वह अपनी ब्रिगेड में ज्यादातर पुरुष सैनिकों से मजबूत हैं।
वहीं, तोपखाने की कमांडर ओल्हा बिहार कहती हैं कि टेक्नोलॉजी युद्ध को बदल रही है। अब सबसे अच्छा सैनिक ड्रोन पायलट हो सकता है, जिनकी उगलियां तेज चलती हैं। वे कहती हैं कि मुझे उम्मीद है कि मैं एक दिन रक्षा मंत्री बनूंगी।
महिलाओं को युद्ध में नई भूमिका दिलाने की कोशिश
इनविजिबल बटालियन के एक रिसर्च प्रोजेक्ट में मदद करने वाली मारिया बर्लिंस्का रूस के शुरुआती आक्रमण के बाद से महिलाओं के लिए ज्यादा भूमिकाएं खोलने की कोशिश कर रही हैं।
अब ड्रोन कमांडर की जिम्मेदारी भी संभाल रहीं महिला सैनिक
महिला कमांडर द्विग यूक्रेनी सेना(Ukraine army) की पांच सदस्यों वाली एक महिला ड्रोन यूनिट का हिस्सा हैं। वे अपनी पांच महिला दोस्तों के साथ एक कैफे में रुकती हैं और मोइतो ऑर्डर करती है।
वहीं, इस कैफे से कुछ दूर तोपों की गड़गड़ाहट सुनाई देती रही है। ट्विग की साथी टाइटन कहती हैं कि किलिंग शब्द का अर्थ हत्या है, जो गलत है।
यूक्रेनी सेना में महिलाओं की संख्या क्यों बढ़ी है?
रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा की आवश्यकता बढ़ गई, जिसके कारण बड़ी संख्या में महिलाओं ने स्वेच्छा से सेना में शामिल होने का फैसला किया। युद्ध से पहले की तुलना में, अब महिलाएं न केवल सहायक भूमिकाओं में हैं, बल्कि फ्रंटलाइन पर भी लड़ रही हैं।
महिला सैनिक किस तरह की भूमिकाएं निभा रही हैं?
यूक्रेनी महिला सैनिक अब कई तरह की महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभा रही हैं, जिनमें स्नाइपर, ड्रोन ऑपरेटर, ड्राइवर, और सैन्य चिकित्सक जैसी जिम्मेदारियाँ शामिल हैं। वे पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ रही हैं और सेना के कई क्षेत्रों में नेतृत्व भी कर रही हैं।
यूक्रेनी महिला सैनिकों को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है?
युद्ध के मैदान में लड़ने के अलावा, यूक्रेनी महिला सैनिकों को कई अन्य चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। इनमें लिंग-आधारित भेदभाव, युद्धबंदियों के रूप में पकड़े जाने पर यौन हिंसा का खतरा और युद्ध के बाद PTSD (पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर) जैसी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ शामिल हैं।