डोभाल और जयशंकर संग होगी अहम वार्ता
नई दिल्ली: चीन के विदेश मंत्री वांग यी(Wang Yi) दो दिवसीय भारत दौरे पर 18 और 19 अगस्त को नई दिल्ली पहुंचेंगे। इस दौरान वे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से विशेष प्रतिनिधि वार्ता के 24वें दौर में भाग लेंगे और विदेश मंत्री एस. जयशंकर(S. Jaishankar) से मुलाकात करेंगे। यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने के अंत में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन जा रहे हैं। सात वर्षों बाद यह उनकी पहली चीन यात्रा होगी।
गलवान के बाद पहली बड़ी बातचीत
वांग यी(Wang Yi) का यह दौरा विशेष इसलिए है क्योंकि गलवान संघर्ष के बाद पहली बार कोई चीनी विदेश मंत्री भारत(India) आ रहे हैं। वर्ष 2020 की उस घटना के बाद दोनों देशों के बीच वार्ता का सिलसिला लंबे समय तक रुका रहा था। हालांकि, पिछले वर्ष कजान में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता बहाल हुई।
दिसंबर 2023 में बीजिंग में 23वां दौर हुआ था, जिसमें डोभाल और वांग यी ने सीमा विवाद पर चर्चा की थी। अब 24वें चरण की बैठक से उम्मीद की जा रही है कि दोनों देश डिएस्क्लेशन और आपसी विश्वास बहाली की दिशा में आगे कदम बढ़ाएंगे।
रिश्तों में सुधार की ओर संकेत
विदेश मंत्री एस. जयशंकर हाल ही में चीन गए थे और राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिले थे। तब उन्होंने कहा था कि भारत-चीन को रिश्तों में नई शुरुआत करनी होगी और सीमा पर तनाव कम करने की दिशा में बढ़ना होगा। कजान समझौते के बाद लद्दाख में डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी हुई, जिसे सकारात्मक पहल माना गया।
इसके बाद दोनों देशों ने कई प्रतीकात्मक कदम भी उठाए। कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर शुरू की गई, भारत ने चीन के लिए टूरिस्ट वीजा बहाल किया और डायरेक्ट फ्लाइट्स शुरू करने पर बातचीत चल रही है। इन प्रयासों को द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
पड़ोसी देशों तक नई कूटनीतिक पहल

भारत ने इस दौर में अपने पड़ोसी देशों तक आउटरीच बढ़ाने पर भी ध्यान दिया है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री 17-18 अगस्त को नेपाल यात्रा पर होंगे। वहां वे नेपाल के विदेश सचिव अमृत बहादुर राय से मिलेंगे और कनेक्टिविटी, विकास सहयोग तथा साझी प्राथमिकताओं पर चर्चा करेंगे।
नेपाल ने भी कहा है कि यह यात्रा दोनों देशों की साझेदारी को नई ऊर्जा देगी। यह कदम भारत की नेबरहुड फर्स्ट नीति का हिस्सा है, जिसके तहत पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को और गहराई देने का प्रयास किया जा रहा है।
वांग यी(Wang Yi) की भारत यात्रा क्यों महत्वपूर्ण है?
यह यात्रा गलवान संघर्ष के बाद पहली उच्च स्तरीय मुलाकात है। इसके जरिए दोनों देशों के बीच संवाद बहाल होगा और सीमा पर तनाव कम करने की दिशा में ठोस कदम उठने की संभावना है।
भारत और चीन किन मुद्दों पर चर्चा करेंगे?
दोनों देशों के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता में सीमा विवाद, डिएस्क्लेशन, आपसी विश्वास बढ़ाने और आर्थिक सहयोग पर बातचीत होगी। इसके साथ ही कूटनीतिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी एजेंडे में शामिल हैं।
नेपाल दौरे से भारत को क्या लाभ होगा?
नेपाल यात्रा भारत की नेबरहुड फर्स्ट नीति का हिस्सा है। इससे कनेक्टिविटी और विकास परियोजनाओं में सहयोग बढ़ेगा तथा दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंध और मजबूत होंगे।
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