ढाका। बांग्लादेश की जेलों में अवामी लीग के कार्यकर्ताओं की टारगेट किलिंग हो रही है और इसके पीछे एक संगठित साजिश है। अवामी लीग ने सोमवार को इस ‘काली किताब’ का एक और पन्ना खोला, जिसमें उन्होंने यूनुस सरकार को सीधे इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। पार्टी के ताजा बयान में कहा गया, ‘देशभर की जेलों में हमारे कार्यकर्ताओं की रहस्यमयी मौतें और क्रूर दमन चिंता का विषय है। यह कोई इक्का-दुक्का घटना नहीं है, बल्कि यूनुस समर्थित छाया प्रशासन का एक गुप्त अभियान है, जिसका मकसद भय और दमन के जरिए अवामी लीग की राजनीतिक ताकत को तोड़ना है।
पार्टी का दावा है कि कई मामलों में चिकित्सा सुविधा जानबूझकर नहीं दी गई
अवामी लीग ने अंतरिम सरकार और उसके प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी का दावा है कि कई मामलों में चिकित्सा सुविधा जानबूझकर नहीं दी गई। कई कार्यकर्ताओं को अलगाव में रखा गया, जहर दिया गया, रासायनिक हमलों से उनका दिल बैठाया गया और शारीरिक यातनाएं दी गईं। पार्टी का कहना है कि यह वही पार्टी है जिसने देश को आजादी दिलाई, और अब उसी के कार्यकर्ताओं को इस तरह निशाना बनाया जा रहा है। सोमवार को अवामी लीग ने एक और सनसनीखेज आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनके नेता अली असगर की जेल में हत्या कर दी गई। पार्टी ने कहा, अली असगर की मौत यूनुस सरकार की क्रूरता को उजागर करती है।
जेलें अब यातना शिविर बन चुकी हैं, जहां नेताओं को खत्म किया जा रहा है
जेलें अब यातना शिविर बन चुकी हैं, जहां हमारे नेताओं को खत्म किया जा रहा है। अवामी लीग का कहना है कि इन हालात में केवल शेख हसीना पर देश भरोसा कर सकता है। पार्टी ने कहा, शेख हसीना, राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की बेटी होने के नाते, इन साजिशों के खिलाफ लड़ने की पूरी नैतिक और राजनीतिक ताकत रखती हैं। उन्होंने याद दिलाया कि शेख हसीना ने पहले भी आतंकियों के नेटवर्क ध्वस्त किए, युद्ध अपराधियों पर मुकदमा चलाया और देश में स्थिरता और विकास लाया।
पार्टी ने इसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन बताया
अवामी लीग ने दो टूक कहा, देश अब फिर से शेख हसीना की ओर देख रहा है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी कार्यकर्ता चुपचाप मारा न जाए। अब तक 21 कार्यकर्ता हिरासत में मारे गए अवामी लीग ने एक बड़ा खुलासा भी किया। उन्होंने बताया कि यूनुस सरकार के सत्ता में आने के बाद अब तक 21 अवामी लीग कार्यकर्ता हिरासत में मारे जा चुके हैं। पार्टी ने इसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन बताया। पार्टी की मांग है कि इन मौतों की जांच के लिए राष्ट्रीय न्यायिक आयोग बनाया जाए। साथ ही, पीएमओ के अधीन स्वतंत्र जांच टीमों की भी जरूरत है, जो हिरासत केंद्रों की निगरानी करें और यूनुस के करीबी अधिकारियों की पहचान कर उन्हें बाहर निकालें।
अवामी लीग ने इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स ऑब्जर्वर की मदद की भी मांग की है।पार्टी का कहना है कि यह सिर्फ राजनीतिक प्रतिशोध नहीं बल्कि मुक्ति संग्राम की आत्मा पर सीधा हमला है। बयान में कहा गया, यूनुस प्रशासन का मकसद चुनावी विरोध को कुचलना और देश में कट्टरपंथी ताकतों को फिर से मजबूत करना है।
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