Kanhaiya Lal Murder Case: राजस्थान के उदयपुर में 28 जून 2022 को हुई कन्हैयालाल (Kanhaiya) तीन साल बाद भी अधूरा इंसाफ: कन्हैयालाल मर्डर केस की सच्चाई की निर्मम कत्ल को अब तीन साल बीत चुके हैं।
गर्दन काटकर की गई इस बर्बर कत्ल ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। लेकिन अफसोस की बात यह है कि 2025 तक भी न्याय की प्रक्रिया अधूरी है।
कोर्ट में ट्रायल तीन साल बाद भी लंबित
कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में मौजूदा भाजपा (BJP) सरकार को आड़े हाथों लिया है।
गहलोत का आरोप है कि सरकार ने केवल राजनीति की, लेकिन कन्हैयालाल के कुटुम्ब को न्याय दिलाने में कोई गंभीरता नहीं दिखाई।
उनके अनुसार, ट्रायल कोर्ट में पिछले छह महीनों से कार्यवाही रुकी हुई है और सरकार ने अब तक इसे आगे नहीं बढ़ाया।

अशोक गहलोत का बड़ा इलज़ाम
एबीपी न्यूज से बातचीत में गहलोत ने कहा,
“अगर राजस्थान पुलिस को जांच करने दी जाती तो हमारी सरकार के रहते ही दोषियों को सजा मिल जाती।”
गहलोत का यह भी कहना है कि एनआईए को छानबीन ट्रांसफर करने के पीछे राजनीतिक मंशा थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी से जुड़े लोग ही आरोपी हैं, इसलिए सरकार लीपापोती कर रही है।
सरकार का पलटवार
Kanhaiya Lal Murder Case: राजस्थान के कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने अशोक गहलोत के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह सब नकारात्मक राजनीति है।
पटेल ने कहा कि गहलोत तीन बार के मुख्यमंत्री रहे हैं, उन्हें इतना तो मालूम होना चाहिए कि सरकार कोर्ट के ट्रायल में दखल नहीं दे सकती। ट्रायल कराना न्यायपालिका की कर्तव्य है, सरकार की नहीं।
जमानत और लचर पैरवी का मुद्दा
गहलोत ने दावा किया कि मामले की कमजोर पैरवी के कारण दो आरोपियों को जमानत मिल चुकी है।
यह एक गंभीर संकेत है कि समस्या धीमा पड़ता जा रहा है और न्याय में देरी हो रही है।
बरसी पर उठे सवाल
28 जून को कन्हैयालाल की तीसरी बरसी है और इस अवसर पर एक बार फिर यह मामला बातचीत में है।
जनता पूछ रही है कि इतनी बड़ी दहला देने वाली घटना के बाद भी आखिर दोषियों को सजा क्यों नहीं मिल रही है?